कुर्सी बचाने के लिए इंदिरा गांधी की राह पर चल रहे हैं गहलोत-देवनानी

अजमेर, 25 जून। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरी तरह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तर्ज पर काम करते प्रदेश में मिनी इमरजेंसी लगाई हुई है। पिछले करीब एक साल से हालात ऐसे बना दिए गए हैं, जिससे इमरजेंसी का ही अहसास होता है।
देश में इमरजेंसी के 46 साल पूरे होने पर देशभर में भाजपा द्वारा मनाए जा रहे काला दिवस के तहत शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए देवनानी ने कहा कि 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने विरोधियों को कुचलने के लिए इमरजेंसी लगाई थी। उन्होंने विरोधी और विपक्षी नेताओं को चुन-चुन कर जेल में डलवा दिया था। प्रेस की आजादी भी छीन ली गई थी। सरकार की आलोचना और जनहित विरोधी निर्णयों का विरोध करने वालों को भी गिरफ्तार महीनों जेल में रखा गया था। इंदिरा गांधी की इन अमानवीय नीतियों का हश्र भी देश की जनता ने देखा। इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में जनता ने उनकी सरकार को उखाड़ फेंका था।
गहलोत का मकसद आवाज दबाकर सत्ता बनाए रखना
देवनानी ने कहा कि ठीक इसी तरह की नीति पर गहलोत सरकार चल रही है और जो हश्र इंदिरा गांधी सरकार का हुआ था, वही हालत गहलोत सरकार को भी होगा। उन्होंने कहा कि गहलोत अपनी कुर्सी बचाने और पदलोलुपता के कारण अपनी ही पार्टी के विधायकों की आवाज को कुचलने में लगे हुए हैं। खुद कांग्रेस के विधायकों ने सरकार पर फोन टेपिंग के आरोप लगाए हैं। गहलोत ने मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए कांग्रेस विधायकों की 32 दिन तक बाड़ाबंदी कराई। इन विधायकों को अनेक तरह के प्रलोभन दिए और दबाव की राजनीति अपनाई। कुल मिलाकर गहलोत का मकसद जनप्रतिनिधि विधायकों की आवाज दबाकर अपनी सत्ता को बनाए रखना रहा।
जो कांग्रेस विधायकों के सगे नहीं, वे जनता के सगे कैसे होंगे
देवनानी ने कहा कि जो मुख्यमंत्री अपनी ही पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाने में पीछे नहीं रहे, वे जनता के हितों की कैसे रक्षा कर सकते हैं और कैसे जनता के सगे बने रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए कुछ भी कर सकते हैं और कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह आंतरिक कलह के कारण रसातल में जा चुकी है, लेकिन गहलोत अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए इसका सारा दोष अपने विरोधी कांग्रेस विधायकों पर थोपने में लगे हुए हैं। देवनानी ने कहा कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर को भी सुनवाई का मौका दिए बिना रातों-रात निलंबित कर दिया गया, जिससे यह साबित होता है कि गहलोत सरकार का लोकतंत्र में कोई भरोसा नहीं है और वह विरोधी विधायकों, विपक्ष के नेताओं को कुचलने के लिए कुछ भी कर सकती है।
इतना जुल्म ढहाया था इंदिरा गांधी ने
देवनानी ने कहा कि 12 जून, 1975 को इंदिरा गांधी का चुनाव अवैध ठहराया गया था। इस पर वे सुप्रीम कोर्ट गई थीं। 24 जून, 75 को कोर्ट के फेसले में राहत नहीं मिली तो, इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 को इमरजेंसी लगा दी थी, जो देश के लोकतांत्रिक इतिहास में वह सबसे ज्यादा काला दिन था। इंदिरा गांधी ने संविधान की धारा 352 के तहत सारे मौलिक अधिकार व स्वतंत्रता छीन ली थी। राष्ट्रीय नेता जैसे अटल बिहारी वाजपेयी, जयप्रकाश नारायण, राजनारायण, चंद्रशेखर, मोहन धारिया आद जेल में बंद कर दिए गए थे। जयप्रकाश नारायण के बीमार होने के बावजूद जेल में उनके साथ क्रूर व्यवहार किया गया। इमरजेंसी से देश में कांग्रेस का फासीवाद का असली चेहरा सामने आया और यह दमन की पराकाष्ठा थी। इंदिरा गांधी के इशारे पर देशभर में 83 लाख पुरूषों की जबरन नसबंदी कर दी गई। 18 मार्च, 1977 को चुनाव की घोषणा होने के बाद इंदिरा गांधी ने 22 मार्च, 1977 को इमरजेंसी समाप्त की। चुनाव में देश की जनता ने कांग्रेस का सफाया कर इंदिरा गांधी को उनकी क्रूर नीतियों के लिए आइना दिखा था।
कांग्रेसी पहले खुद की गिरबां में झांकें, आंखें खुल जाएंगी
देवनानी ने कहा कि मोदी सरकार पर राज्य सरकारों के गिराने का आरोप लगाने वाले कांगे्रसी पहले खुद की गिरेबां में झांकें। इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में सौ से अधिक बार राज्य सरकारों को गिराया था। यह राजनीतिक इतिहास देख लेंगे, तो कांग्रेसियों की आंखें खुल जाएंगी। उन्होंने कहा कि वैसे भी देश में कांग्रेस का सफाया होता जा रहा है। केवल कुछ राज्यों में कांग्रेस बची है, जहां भी अगले चुनावों में उसका कोई नाम लेने वाला नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कुनीतियों के कारण ही देश तरक्की नहीं कर सका। कांग्रेस ने हमेशा वोट बैंक की राजनीति के कारण तुष्टिकरण की नीति अपनाई। यही कारण है कि देश का अधिकांश मतदाता कांग्रेस से पूरी तरह छिटक गया है। जनता को केवल भाजपा और प्रधानमंत्री में ही देश का सुखद व सुरक्षित भविष्य दिखाई दे रहा है। इसमें भी कोई दोराय नहीं है कि मोदी के नेतृत्व में देश ने पूरे विश्व में अपनी धाक जमाई है और पहचान बनाई है। भारत का गौरव फिर से लौटने लगा है। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर मोदी सरकार ने डा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार करने के साथ-साथ यह भी बता दिया है कि पूरा भारत एक है और कश्मीर उससे कभी भी अलग नहीं हो सकता है।
यह भी उपस्थित रहे
पत्रकार वार्ता में शहर भाजपा अध्यक्ष डाॅ. प्रियशील हाड़ा, डिप्टी मेयर नीरज जैन, शहर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विकास सोनगरा, महामंत्री राजेश शर्मा, पूर्व पार्षद अनीश मोयल, रचित कच्छावा आदि भी मौजूद रहे।

error: Content is protected !!