-बरसात में पानी भरने पर नाडी की पाल को तोड़ देते हैं अतिक्रमी
-टूटी पाल पर भी अतिक्रमण कर मकान बनाना कर देते हैं शुरू
-अतिक्रमण से घटा नाडी का क्षेत्र, बरसात में आसपास के क्षेत्रों में भरेगा पानी
देवनानी ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि उन्होंने कुछ समय पहले अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को पत्र लिखकर अतिक्रमण हटाने के लिए आग्रह किया था। उस समय कलेक्टर ने अतिक्रमण तोड़ने के आदेश भी दिए थे, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। नतीजतन, अतिक्रमियों के हौंसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि यह एडीए की पृथ्वीराज नगर योजना के लिए अवाप्तशुदा जमीन है। इसके अलावा एडीए को हस्तांतरित जमीन भी इसी क्षेत्र में है। नाडी कुल 16 बीघा क्षेत्र में थी, जो अब घटकर मात्र 5 बीघा में रह गई है। जिन अतिक्रमणों को एडीए ने चिन्हित किया था, उन्हें भी अभी तक नहीं हटाया गया है। हर साल बरसात में जब-जब नाडी में पानी भरता है, तो अतिक्रमी नाडी की पाल को तोड़कर ना केवल पानी निकाल देते हैं, बल्कि उस पाल के क्षेत्र में भी अतिक्रमण करना शुरू कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि मानसून का दौर शुरू हो चुका है। बरसात में जब कभी भी पानी भरेगा, तो अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों पानी में डूब जाएंगे। पानी निकालने के लिए अतिक्रमी फिर पाल को तोड़ेंगे। यही पानी किसान काॅलोनी, फ्रेंडस काॅलोनी, गौरी नगर आदि काॅलोनियों में घुस जाएगा। यदि बरसात ज्यादा हुई, तो फिर पानी आगे तक बढ़ने का खतरा बना रहेगा। इस तरह पानी में डूबने वाले नए क्षेत्र बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि एडीए को जल्द से जल्द अभियान चलाकर नाडी और उसकी पाल के क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए सभी मकानों को तोड़ना चाहिए, अन्यथा बरसात में यही अतिक्रमण चैरसियावास व वैशाली नगर क्षेत्र में तबाही का कारण बन सकते हैं।
नेहरू अस्पताल में जांच सुविधाओं का अभाव, मरीज परेशान, चिकित्सा मंत्री के दावे खोखले-देवनानी
-कार्डियोलाॅजी विभाग खुद हार्ट का मरीज बना
-एंजियोप्लास्टी व एंजियोग्राफी की मशीनें तालों में बंद
-मरीज प्राइवेट लैबों पर जांचें कराने को मजबूर
अजमेर, 2 जुलाई। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा है कि अजमेर में संभाग के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है। मरीजों को प्राइवेट लैबों में जांचें कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यह स्थिति सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने संबंधी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के दावे को खोखला साबित करने के लिए काफी है।
देवनानी ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि नेहरू अस्पताल का कोर्डियोलाॅजी विभाग इन दिनों खुद हार्ट का मरीज बना हुआ है। लाखों रूपए की लागत से खरीदी एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी की मशीनें महज इसलिए तालों में बंद पड़ी हुई हैं कि उनमें साॅफ्टवेयर अपलोड नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा, उन्हें अभी तक यह समझ में नहीं आ रही है कि जब लाखों रूपए से यह मशीनें खरीदी जा चुकी हैं, तो थोडी और राशि खर्च कर उनमें साॅफ्टवेयर अपलोड क्यों नहीं कराया जा रहा है, जबकि इस काम में कोई ज्यादा दिन भी नहीं लगते हैं।
उन्होंने कहा कि नेहरू अस्पताल के कार्डियोलाॅजी विभाग में ना केवल अजमेर और आसपास के जिलों से भी हार्ट के मरीज बड़ी संख्या में आते हैं। ऐसे में इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को जांचें कराने के लिए प्राइवेट कैथलैबों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। यदि यह दोनों मशीनें चालू हो जाती हैं, तो मरीजों को जांचें कराने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। यही नहीं, ईसीजी, टीएमटी और ईको जैसी जांचें भी नहीं हो पा रही हैं।
देवनानी ने कहा है कि चिकित्सा मंत्री के गृह जिले और जिला मुख्यालय पर चिकित्सा सुविधाओं का यह हाल है, तो पूरे प्रदेश का हाल आसानी से देखा और समझा जा सकता है। इसके बावजूद चिकित्सा मंत्री यह दावे करते हुए नहीं थकते हैं कि प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं में कोई कमी नहीं है। उन्होंने चिकित्सा मंत्री से कहा है कि वे नेहरू अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएं।