अजमेर, 7 अगस्त – श्री सतुगुरू श्रीचन्द्र के, चरण कमल प्रणाम, पावन श्रीचन्द्र चरित कह, मिलत सुख विश्राम, सनक सनंदन संत तुम, देख बुद्धि का दान, पाठ करे सह जंहि तरे, पावहि पद निर्वाण के पवित्र दोहों से उदासीनाचार्य श्री श्रीचन्द्र भगवान के 527वें प्राकट्य उत्सव पर ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम में धार्मिक आयोजन प्रारम्भ किये गये। महंत स्वरूपदास उदासीन ने आर्शीवचन देते हुये कहा कि मन में स्मरण करते रहने से मन निर्मल होता है। देश दुनिया में कोरानावयरस संक्रमण के कारण हो रही बीमारी से छुटकारा पाने की प्रार्थना के साथ श्रीचन्द्र चालीसा का पाठ का शुभारंभ किया गया जो लगातार 15 सितम्बर तक नित्य किया जायेगा। संतो की ओर से दीपक प्रज्जवलन के साथ मातृा साहिब का पाठ, गुरूदेव की मूर्तियों व समाधियों पर महाअभिषेक, अर्चन वंदन किया गया। सन्त गौतमदास व पण्डित चन्द्र स्वरूप ने सावन के पावन पर्व पर शिव स्तुति व पूजा करवाई। कलाकार अशोक सोनी व मण्डली ने भजन प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम में रमेश कलयाणी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, शंकर सबनाणी, दीपक बालाणी, कन्हैयालाल खानचंदाणी, घनश्याम आडवाणी, मोहन लालवाणी सहित उपस्थित श्रद्धालुओं ने आर्शीवाद प्राप्त किया।
सन्त गौतमदास
मो. 9636674979