श्री अग्र भागवत कथा का आयोजन

अजमेर 7 अक्टूबर ( ) महाराजा श्री अग्रसेन जी की 5145वी जयंती के अवसर पर अग्रवाल समाज अजमेर की और से जवाहर रंगमंच में श्री अग्र भागवद कथा का आयोजन किया गया। अग्र कथा मर्मज्ञ आचार्य श्री नर्मदाशंकर जी गुरूजी की अमृतमयी वाणी में कथा का शुभारम्भ महाराजा अग्रसेन जी की प्रतिमा की पूजा-अर्चना और माता लक्ष्मी की पूजा के साथ हुआ।
कथा में आचार्य श्री नर्मदाशंकर जी गुरूजी ने कहा कि भगवान अग्रसेन का सम्बन्ध भगवान राम और श्री कृष्ण दोनों से है।
ये ऐसे महाराज हैं जिनका जन्म सूर्यवंश में हुआ और श्रीकृष्ण की कृपा भी उन्हें प्राप्त हुई। अग्र भागवत कथा कोई नई नहीं है। यह अत्यंत प्राचीन है। सभी बड़े अनुष्ठान भगवान की कृपा से ही संभव है। यह मानव जीवन भी भगवान की कृपा का ही प्रसाद है। मानव जीवन भगवान की सर्वोत्तम कृति है। अग्र भगवत कथा को सुनने से पूर्व श्री मदभगवद को प्रणाम करना पड़ेगा। श्री मदभागवद का ही अगला भाग अग्र भागवत कथा है।
अग्रवाल समाज अजमेर के अध्यक्ष पूर्व पार्षद शैलेन्द्र अग्रवाल व महासचिव प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि
आचार्य श्री नर्मदाशंकर जी गुरूजी ने कहा कि कर्म के फल तीन प्रकार से मिलते हैं। प्रारब्ध कर्म का फल जन्मों बाद, संचित कर्म का फल इसी जन्म में और क्रियाव्रत कर्म का फल तुरंत प्राप्त होता है। अग्र भगवत कथा का श्रवण जैमिनी ऋषि ने 27 अध्याय में किया है। जिन्हे 27 सर्ग भी कहा गया है। उन्होंने अग्र भागवत कथा के उदभव को अत्यंत सारगर्भित शब्दों में वर्णित किया। सूर्यवंश और चन्द्रवंश के बाद आज तक अग्रवंश चल रहा है। भगवान राम और महाराज अग्रसेन दोनों का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ।
आचार्य श्री नर्मदाशंकर जी गुरूजी ने कहा कि जिनके जीवन में पुरुषार्थ नहीं है उन पर ना तो महाराजा अग्रसेन की कृपा होती है और ना ही माँ लक्ष्मी उस पर कृपा करती हैं।
अग्र भागवत कथा के मुख्य संयोजकअशोक पंसारी ने कथा की प्रमाणिकता के संबंध में पूर्ण जानकारी दी और बताया कि अग्र भागवत ग्रथं महाभारत काल में लिखा गया अग्रवाल समाज का मान्यता प्राप्त दुलर्भ ग्रन्थ है इसका मूल लेखन भोज पत्र के 216 पन्नो जिन का वजन49 ग्राम है पर है जिसका पूरे देश भर में वाचन किया जा रहा है।
अग्र भागवत कथा के मुख्य संयोजक अग्रवाल समाज के संरक्षक अशोक पंसारीनेबताया कि कथा के दौरान जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर और सिटी मजिस्ट्रेट राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल विशेष तौर पर मौजूद रहे। कथा के मुख्य अतिथि हनुमान दयाल बंसल थे जबकि दीपचंद श्रीया और लोकेश अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। कथा के मुख्य यजमान गिरधारीलाल मंगल, रमेशचंद्र अग्रवाल, उमेशचन्द्र गुप्ता और गोविन्द नारायण कुचिल्या थे। कथा में श्रीमती उषा बंसल, श्रीमती निर्मला श्रीया, श्रीमती विनीता अग्रवाल, श्रीमती कमलेश मंगल, श्रीमती कुसुम अग्रवाल, श्रीमती माया गुप्ता और श्रीत्मती पुष्पा मित्तल का माला और शाल से अभिनन्दन किया गया। समाज के महासचिव प्रवीण अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में अग्रवाल समाज की विभिन संस्थाओं व धड़ों के अध्यक्ष व सचिव के साथ ही प्रमुख अग्रवाल महानुभाव व मातृशक्ति उपस्थित रहे जिनमें मुख्य रूप से श्री शंकरलाल बंसल, प्रेमप्रकाश जी अग्रवाल, गोपाल गोयल कांच वाले, कैलाश चन्द गोयल, सूरज नारायण गर्ग, राजेन्द्र मित्तल, विष्णु प्रकाश गर्ग, डॉ विष्णु चौधरी, प्रदीप बंसल, नरेन्द्र डीडवानिया, आनंद प्रकाश गोयल, चांदकरण अग्रवाल, अशोक गोयल, एस एन मोदी, डॉ सुरेश गर्ग, विष्णु मंगल, गिरराज अग्रवाल, संदीप बंसल, संदीप गोयल, माधुरी कंदोई, राजेन्द्र मंगल सहित कई प्रमुख गणमान्य महानुभाव शामिल थे जिनका अग्रवाल समाज अजमेर के पदाधिकारी श्री कैलाशचंद अग्रवाल, राधिका अग्रवाल, राजेन्द्र अग्रवाल, अशोक गोयल, अनिल बाडमेरी, बीना गुप्ता, सुरेश अग्रवाल, दिनेशचंद तायल, जवरीलाल बंसल, रामचरण बंसल, अगमप्रसाद मित्तल, प्रदीप अग्रवाल, भंवरलाल गोयल, गिरधरगोपाल गोयल, शिवशंकर अग्रवाल, राजकुमार गर्ग, चन्द्रनारायण अग्रवाल, बालकिशन मित्तल, अनिल अग्रवाल, शारदा जिंदल, सुषमा अग्रवाल, लता गोयल, श्याम सुंदर अग्रवाल, सुभाषचन्द अग्रवाल, सत्यनारायण मंगल, कमलकिशोर गर्ग, कैलाशचन्द डीडवानिया, सुभाष जिंदल, देवेन्द्र कुमार गुप्ता, वी के गर्ग, त्रिलोक अग्रवाल, कुनाल गोयल, विपुल अग्रवाल, जे सी ऐरन, पुष्पा गोयल, सुशीला बिंदल, अजय गोयल, रमेशचन्द गोयल, प्रमोद बंसल आदि पदाधिकारियों ने माल्यार्पण कर व अग्र भागवद कथा की पुस्तक भेंट कर अभिनन्दन किया
शैलेंद्र अग्रवाल
अग्रवाल समाज अध्यक्ष
9414280962

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