स्वामी धर्मप्रेमानंद सरस्वती ब्रह्मलीन, स्वामी अनादि सरस्वती होंगी उत्तराधिकारी

चिति संधान योग के संस्थापक स्वामी धर्मप्रेमानंद सरस्वती गुरुवार को ब्रह्मलीन हो गए। वे 85 वर्ष के थे। वे लम्बे अरसे से अस्वस्थ थे। उनके देह त्यागने की खबर से उनके अनुयाइयों में षोक की लहर छा गई। उनके ब्रह्मलीन होने से आध्यात्मिक व धार्मिक जगत को अपूरणीय क्षति पहुंची है। शुक्रवार की दोपहर गंगा किनारे स्थित परमार्थ आश्रम में उनको जलसमाधि दी गई। उनके संन्यास गुरु स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की मौजूदगी में सभी अंतिम संस्कार हुए। डनकी षोडशी का कार्यक्रम सोलहवें दिन अजमेर स्थित जनाना अस्पताल के पास श्रीअनादि धाम आश्रम में ही होगी। साध्वी अनादि सरस्वती को उनके गुरु भाई और बहनों की मौजूदगी में चादर ओढ़ा कर स्वामी की उतराधिकारी घोषित किया जाएगा।

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