नाट्यवृंद के राष्ट्र आराधन में रचा 75 मिनिट में 75 दोहे का अनूठा कीर्तिमान

आजादी के अमृत महोत्सव के आयोजन में शामिल हुए देशभर से 34 रचनाकार

कला एवं साहित्य के समर्पित संस्था ‘नाट्यवृृंद‘ द्वारा भारत की आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रविवार को हुए ‘राष्ट्र आराधन‘ कार्यक्रम में 75 मिनिट में 75 दोहों की प्रस्तुति का अनूठा कीर्तिमान बनाया। संयोजक उमेश कुमार चौरसिया ने बताया कि इस ”राष्ट्रीय दोहा गोष्ठी” में जुटे देशभर के 34 साहित्यकारों ने देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम को अभिव्यक्त करते नवरचित दोहों की भावपूर्ण प्रस्तुति आभासी पटल पर की। संचालक डाॅ पूनम पाण्डे ने बताया कि इस तरह का यह पहला आयोजन है, राष्ट्रभाव पर केन्द्रित इन 75 दोहों को शीघ्र ही एक ईपुस्तिका के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
दोहा गोष्ठी के इस विेशेष कार्यक्रम में पटना से कुमार गौरव अजीतेन्दु ने जनगणमन के संग हो सबके सारे काम, ग्वालियर से डाॅ दीप्ति गौड़ ‘दीप‘ ने रहे स्वच्छ निर्मल सदा अपना भारत देश, जयपुर से देव शर्मा ने पहन तिरंगी चूड़ियां निकली जब घरनार निरख लखारा कर रहा भारत की जयकार, ज्ञानवती सक्सेना ने सपूतों पर गर्व करे सारा हिंदुस्तान, कोटा से विष्णु शर्मा ‘हरिहर‘ ने कण कण में इसके बसे रामकृष्ण भगवान, उदयपुर से श्याम मठपाल ने हर दिन उत्सव है यहाँ सब लोगों के संग, भीलवाड़ा से दिनेश ‘डीन‘ ने रजपूती यह आन देख हुए मुगल भी दंग, जग जीतेन्द्र सिंह ने भारत माँ मन मोहनी घणो सुहाणो रूप, गुलाबपुरा से अरूण कुमार शर्मा ने भारतमाँ की वन्दना मेरा बने स्वभाव आदि दोहे प्रस्तुत कर भारत के गौरव का गुणगान किया।
अजमेर से अनिल जैन ने मायड़ भाषा में सबनै राखे जड से जोड्यां सबको राखे मान, गंगाधर शर्मा ‘हिन्दुस्तान‘ ने भारत की भगवा ध्वजा लहराती हर ओर, मधु खण्डेलवाल ‘मधुर‘ ने वेद पुराणों की संस्कृति हिंद की पहचान, डाॅ पूनम पाण्डे ने देश मेरे तू विश्वगुरू बनकर हो आबाद, तस्दीक अहमद ‘तस्दीक‘ ने मुश्किल से आजादगी हमने पाई यार आँगन में मत खींचिए अब कोई दीवार, उमेश कुमार चौरसिया ने अध्यात्म शक्ति से विश्वविजय हो सदैव भारत की जय हो , डाॅ विनिताअशित जैन ने भाँत भाँत के पुष्प हम, संदीप पाण्डे ने देव दिखे हर मानव तन में, हिम्मतसिंह चैहान ने निजदेश धर्म हित उत्सर्ग करता चल, नीमा पाठक ने भाव एक ही अनेकता में एकता, काजल खत्री ने दिल में वंदेमातरम, डाॅ महिमा श्रीवास्तव ने छाया रहे अमन यहाँ, बख्शीश सिंह ने देश में काली आंधी आने न देंगे, भावना शर्मा ने वीरप्रसूता धरती है ये, पुष्पा शर्मा कुसुम ने बना तिरंगा शान, कपिल गोयल ने ख्वाब अखंड हिन्दुस्तान का, रंजना माथुर ने मुकुट हिमालय शोभता चरण प्योधि विशाल, शुभदा भार्गव ने यह मातृभूमि है शूरवीरों के बलिदान की, बनवारी लाल शर्मा ने सबसे प्यारा देश है, गुमान सिंह ने जाट मराठा सिख खड़े तेरे पहरेदार जैसे दोहों ने सम्पूर्ण वातावरण को देशभक्ति के जोश से भर दिया।

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