अजमेर 09 मार्च। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रशासक एल.एन. मंत्री ने कहा है कि बोर्ड की परीक्षाओं से राज्य के 20 लाख से भी अधिक परीक्षार्थियों का भविष्य और उनके परिजनों की आकांक्षायें जुड़ी है। इसलिए यह परीक्षा संवेदनशील है। इसमें छोटी सी चूक लाखों विद्यार्थियों के भविष्य को प्रभावित करती है। यह परीक्षा विद्यार्थियों की नहीं अपितु बोर्ड और शिक्षा विभाग की भी है और शिक्षा विभाग इसे ‘‘मिशन परीक्षा’’ के रूप में लें। राजस्थान बोर्ड की परीक्षाओं की राष्ट्रव्यापी ख्याति है और प्रदेश के शिक्षकों का दायित्व है कि देश के श्रेष्ठ बोर्डों में गिना जाने वाला राजस्थान बोर्ड राष्ट्र का श्रेष्ठतम बोर्ड बने। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बोर्ड की 24 मार्च से प्रारम्भ होने वाली सीनियर सैकण्डरी और 31 मार्च से प्रारम्भ होने वाली सैकण्डरी परीक्षाओं में 20 लाख 18 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।
श्री मंत्री बुधवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के राजीव गांधी भवन में बोर्ड की अगले पखवाडे़ से प्रारम्भ होने वाली परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में राज्य के माध्यमिक शिक्षा विभाग के समस्त शिक्षा संयुक्त निदेशकों और जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारियों की महत्ती जिम्मेदारी है कि वे प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व दे। प्रश्न-पत्रों को सुरक्षित रखना, उन्हें सुरक्षात्मक रूप से परीक्षा केन्द्र तक पहुंचना और उनका परीक्षार्थियों को वितरण भलीभांति हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी प्रत्येक बोर्ड परीक्षा केन्द्रों को संवेदनशील मानकर चले। उड़नदस्तों में निष्पक्ष और योग्य व्यक्तियों को लगाया जाये। परीक्षा में संवेदनशीलता को लेकर कहीं कोई कमी नजर आये तो प्रशासन को सूचित करे। उन्होंने उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों का भी आह्वान किया कि विद्यार्थियों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए मेहनत और गहनतापूर्वक उत्तरपुस्तिकायें जांचे। सूचना के अधिकार वाले इस युग में विद्यार्थी अपनी उत्तरपुस्तिका की छायाप्रति प्राप्त कर उसमें रही त्रुटि को जब समाज के सामने उजागर करेगा तो समूचे शिक्षक वर्ग की गरिमा को ठेस पहुँचेगी, ऐसी स्थिति से बचे। उन्होंने कहा कि बोर्ड मुख्य परीक्षाओं में भी किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगा और छोटी चूक को भी गंभीरता से लिया जायेगा। परीक्षा आयोजन की कड़ी में छोटी सी गलती से पूरी परीक्षा व्यवस्था चरमरा सकती है। निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) कानाराम ने बोर्ड को वर्चुअली सम्बोधित किया।
बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन चुनाव की भांति शिक्षा अधिकारियों और बोर्ड के लिये एक संवेदनशील चुनौतीपूर्ण कार्य है। शिक्षक, शिक्षा अधिकारियों और बोर्ड कार्मिकों का समाज की कसौटी पर खरा उतरने का एक पैमाना बोर्ड परीक्षाओं का सफल आयोजन भी है। वर्तमान समय में प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। किसी भी परीक्षा केन्द्र पर गलत प्रश्न-पत्र खुलने से लाखों विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, इसलिए शिक्षक प्रश्न-पत्र खोलने में विशेष सावधानी बरते। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी बोर्ड परीक्षाओं के लिए समस्याओं का पूर्वानुमान करें और जिला प्रशासन से साथ तालमेल कर उनका समाधान करें। शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्र की परीक्षा व्यवस्था का औचक निरीक्षण करें और विशेष रूप से प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान केन्द्रीत करें।
उन्होंने कहा कि बोर्ड इस वर्ष विडियोग्राफी व्यवस्था को मजबूत करेगा। इसके तहत् परीक्षा केन्द्र पर पेपर खोलने, परीक्षा संचालन, परीक्षा समाप्ति पर उत्तरपुस्तिका की पैकिंग तक की सम्पूर्ण व्यवस्था का फिल्मांकन किया जायेगा। बोर्ड के सभी उत्तरपुस्तिका संग्रहण-वितरण केन्द्र और संवेदनशील-अति संवेदनशील परीक्षा केन्द्र सी.सी.टी.वी. कैमरे की जद में रहेंगे। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों पर अंकुश लगाने की दृष्टि से सी.सी.टी.वी. कैमरे और विडियोग्राफी पर प्रति वर्ष भारी राशि व्यय कर रहा है। इसका उद्देश्य है कि परीक्षा आयोजन में कहीं कोई छोटी चूक न रह जाये। बैठक में बोर्ड के निदेशक (शैक्षिक)-ओमप्रकाश शर्मा, सी.सी.ई- राजेश निर्वाण, निदेशक (गोपनीय)- मंघाराम तोलानी ने पावर पाईन्ट प्रजेन्टेशन के जरिये प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा, उनके रख-रखाव, खोलने-वितरण व्यवस्था, केन्द्र व्यवस्था और मूल्यांकन व्यवस्था के बारे में जानकारी दी।
वित्तीय सलाहकार श्रीमती रश्मि बिस्सा ने परीक्षा से जुडे भुगतानों के संबंध में इस वर्ष से प्रारम्भ की गई नई ऑनलाईन व्यवस्था पर पावर प्रजेन्टेशन दिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड का ध्येय है कि परीक्षा से जुडे सभी मानदेयों का भुगतान प्राथमिकता के आधार पर हो परन्तु कई बार अधूरी जानकारी प्रस्तुत करने के कारण भुगतान में विलम्ब होता है, इसलिए बोर्ड ने इस परेशानी का दृष्टिगत रखते हुए परीक्षा के जुडे मानदेयों को ऑनलाईन आवेदन भरवाकर सीधा बैंक खातों में ऑनलाईन भुगतान करने का निर्णय लिया है।
उप निदेषक (जनसम्पर्क)