-देवनानी ने विधानसभा में कटौती प्रस्ताव के जरिए सामुदायिक एवं ग्रामीण विकास संबंधित मुदों पर सरकार को घेरा।
-चयनीत 33 गांधी आदर्श गांवों में से 20 में सरकार ने खेले शराब के ठेके।
-मनरेगा में भ्रष्टाचार और अनियमिताओं पर लगाम लगाने हेतु औचक निरीक्षण कराए सरकार।
अजमेर/जयपुर, 15 मार्च।
भाजपा नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को विधानसभा में कटौती प्रस्ताव के जरिए ‘‘सामुदायिक विकास एवं ग्रामीण विकास के लिए विशेष कार्यक्रम’’ विषयक विभिन्न मुद्धों पर सरकार को घेरा। ‘मांग संख्या 28-ग्रामीण विकास के लिए विशेष कार्यक्रम पर लगाए कटौती प्रस्ताव की जानकारी देते हुए देवनानी ने कहा कि प्रदेश के 33 गांवों को गांधी आदर्श गांवों बनाने की महत्वकांशी घोषणा की स्वयं राज्य सरकार ने हवा निकाल दी। इन गांवों को आदर्श बनाना तो दूर सरकार ने 20 गांवों में शराब के ठेके खोलकर आदर्श गांव की पहली शर्त नशामुक्ति की धज्जियां उडा डाली। कांग्रेश ने अपनी राजनीति जमीन बचाने के लिए गांधी के नाम का उपयोग तो बहुत किया है लेकिन उनके आदर्शों पर चलना उसके बस की नहीं है। गांधीजी की छोडी सी भी चिंता सरकार को है तो तत्काल प्रभाव से गांधी आदर्श गांवों से शराब के ठेके बंद करने की दिशा में तत्काल कार्यवाही करें।
देवनानी ने बताया कि प्रदेश में श्रमिकों को रोजगार देने के नाम पर मनरेगा में धडल्ले से भ्रष्टाचार हो रहा है। महज एक महीने के कार्यों व डाॅक्यूमेंट के निरीक्षण में 22 करोड रूपए भुगतान लेने वाले 60 हजार श्रमिकों का गायब हो जाना मनरेगा के दौरान प्रदेश में संबंधित अधिकारियों के सह पर चल रहे भ्रष्टाचार की एक बानगी भर है। मनरेगा के नाम पर राज्य में भ्रष्टाचार और अनियमिताओं का बडा ‘खेला’ चल रहा है। कहीं मेट नहीं मिलते तो कहीं श्रमिक गैरहाजिर रहते है। अनेक स्थानों पर श्रमिकों से श्रम कराने के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है। मनरेगा से जुडे अधिकारियों की मिली भगत के चलते अनेक श्रमिक तो बिना श्रम किए बैठकर ही रोज घर लौट रहे हैं जबकि उनका भुगतान पूरा उठाया जा रहा है। मनरेगा में भ्रष्टाचार और अनियमिताओं पर लगाम लगाने हेतु प्रदेश में औचक निरीक्षण की सख्त आवश्यकता है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ सके।
उन्होंने बताया कि अजमेर के अजयसर, खरेकडी, काजीपुरा सहित दर्जनभर गांवों को नशामुक्त कराने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों चलाने की आवश्यकता है जिसके लिए सरकार की ओर से अतिरिक्त बजट दिया जाना चाहिए। अजमेर सहित प्रदेश के समस्त चयनित स्मार्ट विलेज में आधारभूत सुविधाओं का अभाव है इस हेतु अतिरिक्त बजट दिया जाना चाहिए। इस दौरान देवनानी ने अजयसर, खरेकडी, काजीपुरा इत्यादि गांवों में ग्रामीण विकास से जुडी केन्द्र एवं राज्य सरकार की सरकारी योजनाओं की समय से क्रियान्विति करने एवं उनका लाभ जरूरतमंद ग्रामीणों को पहुंचाने की भी मांग की।
सामुदायिक विकास संबंधित लगाए गए कटौती प्रस्ताव पर देवनानी ने कहा कि प्रदेश की ग्रामीण जनता के आर्थिक स्तर को उंचा करने के लिए कृषि के आधुनिकरण एवं ग्रामीण उद्योगों को बढावा दिया जाना चाहिए। जातिगत छुआछूत को मिटाने हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाने एवं उक्त कार्यक्रमों के लिए बजट बढाने की भी जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम रोजगार की सुविधा की वृद्धि हेतु कुटीर व लघु उद्योग धंधों का विकास होना चाहिए। गांवों में प्राथमिकता, माध्यमिक, बुनियादी, सामाजिक तथा तकनीकि शिक्षा एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था तथा प्रसार पर और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता पर है। ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय कला एवं संस्कृति आधारित सामुदािकय मनोरंजन की व्यवस्था करते हुए मनोरंजन, सामाजिक एवं नैतिक उत्थान के लिए मेलों, खेलकूदों एवं मंचीय नाटकों का आयोजन कराए जाने चाहिए।