अजमेर। नगर सुधार न्यास की बेशकीमती जमीन पर प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस पूरे मामले की जानकारी न्यास को होने के बावजूद कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की जा रही है। आरोप यह भी है कि अतिक्रमियों के सम्बन्ध सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं से होने के चलते ही न्यास इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है।
जयपुर रोड स्थित इस भूखंड पर लम्बे समय से अतिक्रमण के प्रयास किये जा रहे थे, लेकिन पिछले दिनों जब सरकार ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमणों को नियमित किये जाने की प्रक्रिया शुरू की तो एक बार फिर न्यास की इस सम्पत्ति पर भू माफियाओं की नजर गड़ गई। लगभग साढ़े तीन सौ गज के इस भूखंड की कीमत करोड़ों रुपये में आंकी जा रही है। न्यास के अनुसार खसरा संख्या 404 का यह भूखंड सरकारी और अर्धसरकारी कार्यालयों के लिए आरक्षित है। बावजूद इसके न्यास का अपनी ही सम्पत्ति के प्रति उदासीन रवैया संदेह पैदा करने वाला है। न्यास द्वारा कुछ समय पहले इस भूखंड से अतिक्रमण को हटाया भी गया, लेकिन भूखंड पर अतिक्रमी फिर से काबिज हो गए। करोड़ों की कीमती इस जमीन के बारे में न्यास अध्यक्ष नरेन् शाहनी भगत से बात की गई तो उन्होंने भी माना कि इस भूखंड पर अतिक्रमण के प्रयास किये जा रहे हैं, उनके अनुसार फिलहाल अतिक्रमी को अपने स्वामित्व के दस्तावेज पेश करने का मौका दिया गया है। शाहनी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि जब पहले इस जमीन से अतिक्रमण हटाया गया तो वह कार्यवाही किस आधार पर की गई।
वहीं दूसरी तरफ इस मामले की शिकायत नगर सुधार न्यास और अजमेर कलेक्टर को करने वाले मुकुल शेखावत की मानें तो न्यास की करोड़ों की कीमती इस जमीन पर अतिक्रमण के प्रयास सत्ताधारी कांग्रेस के नेताओं की शह पर ही किये जा रहे हंै। एक तरफ इस मामले में की जा रही शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तो दूसरी तरफ शिकायत की सूचना मिलते ही कांग्रेस के नेता उन्हें धमकाने पहुंच जाते हैं।