अनुशासन जीवन का मूल मंत्र

कस्बे के राजकीय देवनारायण बालिका आवासीय विद्यालय केकड़ी में वार्षिकोत्सव एवं विदाई समारोह समारोह पूर्वक मनाया गया ।
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केकड़ी 26 मार्च (पवन राठी)
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी केकड़ी राधेश्याम कुमावत रहे। समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रधानाचार्य अजगरा रजनी लखोटिया, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य व समाजसेवी तारा सिंह धाबाई , शारीरिक शिक्षक गिरधर सिंह राठौड़ व प्रबोधक व समाजसेवी धर्मचंद आचार्य थे।
अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ हरिओम शरण शर्मा ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के दीप प्रज्वलन के साथ की गई, तत्पश्चात बालिकाओं द्वारा सरस्वती वंदना की गई। संस्था द्वारा आगंतुक अतिथियों का माल्यार्पण व साफा बंधन कर व प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत अभिनंदन किया गया। तत्पश्चात बालिकाओं द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया।
मुख्य अतिथि कुमावत ने अपने उद्बोधन में सभी छात्राओं को भारतीय संस्कृति की महान वीरांगनाओं जीजा बाई, रानी लक्ष्मीबाई , अहिल्याबाई जैसी विभूतियों व गार्गी, मैत्रेयी ,लोपामुद्रा जैसी विदुषियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने को प्रेरित किया।
विशिष्ट अतिथि तारा सिंह धाबाई ने बालिकाओं को कठिन परिश्रम करते हुए अपना लक्ष्य ऊंचा निर्धारित कर आगे बढ़ते रहने को निर्देशित किया।
शारीरिक शिक्षक गिरधर सिंह राठौड़ ने जीवन में अनुशासन का महत्व बताते हुए समय प्रबंधन कर लक्ष्य प्राप्ति पर बच्चों का ध्यान आकर्षित किया। रजनी लखोटिया ने छात्राओं को अपने माता-पिता का नाम रोशन करने हेतु निरंतर परिश्रम करने को ही सफलता का मंत्र बताया।
कार्यक्रम में राजस्थानी लोकनृत्य व देशभक्ति से ओत प्रोत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत किए गए। इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में विशेष मार्गदर्शन शिक्षिका सरोज साहू व यास्मीन बानो का रहा।
इस मौके पर प्रधानाचार्य ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया व आगंतुक अतिथियों व अभिभावकों का आभार व्यक्त किया।
विद्यालय के समस्त स्टाफ ने वर्ष भर चली गतिविधियों में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाली बालिकाओं को भी पारितोषिक देकर उत्साहवर्धन किया।
इस मौके पर विद्यालय परिवार के नवनीत सिंह मदन गुर्जर राकेश कुमार टीकमचंद आचार्य दीपक शर्मा वह प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हुए अभिभावक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे कार्यक्रम का शानदार संचालन व्याख्याता निरंजन कुमार ने किया।

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