गुरूवार को अजमेर में जिला कलेक्टर अंशदीप द्वारा 7 अप्रैल से 7 मई तक धारा 144 लागू लगाने संबंधी आदेश देने के बाद देवनानी ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने जारी बयान में कहा है कि पहले सरकार के निर्देश पर कोटा और बीकानेर में धारा 144 लगाई गई। इसके बाद जोधपुर विद्युत वितरण निगम ने रमजान महीने में सम्पूर्ण मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में बिजली कटौती नहीं करने के तुगलकी आदेश निकाले और अब अजमेर में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिना समक्ष स्वीकृति व अनुमति के धार्मिक प्रतीक चिन्ह वाली झंडियों का उपयोग नहीं किया जाएगा।
देवनानी ने कहा कि पिछले सवा तीन साल से प्रदेश में तुष्टीकरण का खुला खेल जोरों से खेला जा रहा है। नवरात्रि से ठीक पहले धारा 144 लगाना और रमजान महीने में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में बिजली कटौती नहीं करने के विशेष आदेश निकालना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इसी एक महीने में रामनवमी, अम्बेडकर जयंती, महावीर जयंती, हनुमान जयंती आदि त्यौहार हैं। इन त्यौहारों व जयंतियों पर शहर के प्रमुख मार्गों व चैराहों को झंडियों से सजाया जाता है। सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा जो आदेश निकाले गए हैं, उसका तो यही मतलब हुआ कि हिन्दू अपने त्यौहार भी प्रशासन से बिना पूछे नहीं मना सकते हैं।
देवनानी ने कहा कि जैसे ही हिन्दुओं के त्यौहार आते हैं, सरकार तुष्टीकरण की नीति अपनाते हुए इस तरह की रोक और धारा 144 लगा देती है। कांग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण की सभी सीमाएं लांघ दी हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह के आदेश निकालना निश्चित ही प्रायोजित है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में जिला कलेक्टर अंशदीप से फोन पर बात कर चेताया कि धारा 144 लागू करने संबंधी आदेश तुरंत वापस लिया जाए, ताकि हिन्दू लोग अपने त्यौहार उत्साह से मना सकें।