कुएं पर कर रखा अवैध कब्जा-उपखंड अधिकारी को अतिक्रमण मुक्ति हेतु दिया ज्ञापन

केकड़ी 12 अप्रैल(पवन राठी) दो गांवों के एक मात्र मीठे पेय जल के कुएं पर मनोज बजरंग पुत्र प्रहलाद वैष्णव ने अवैध कब्जा करके उपखंड के देवपुरा व कंवरपुरा गांवों के वाशिंदों को परेशान कर रखा है।इस अवैध अतिक्रमण से आक्रोशित दोनो गांवों के वाशिंदों ने उपखंड अधिकारी केकड़ी को आगामी दो दिनों में अतिक्रमण मुक्त करवाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में बताया गया है कि उक्त कुवा सरकारी रिकॉर्ड में 60 वर्षों से सिवायचक दर्ज है और दोनो गांवों के लोग उक्त कुएं के पानी को पीने के लिए उपयोग में लेते आ रहे है।
हाल ही में मनोज बजरंग द्वारा कांटो की बाड़ व जाली लगाकर उक्त कुएं को बंद कर दिया गया।पूर्व में भी इनके द्वारा पास ही स्थित एक अन्य कुएं को जे सी बी से ध्वस्त कर दिया गया था।जिसका प्रकरण न्यायालय में पेश करने पर न्यायाधीश द्वारा हल्का पटवारी कादेड़ा को मूल प्रार्थना पत्र देकर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे परंतु आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही की गई।
इस संबंध में नायब तहसीलदार व तहसीलदार को भी प्रार्थना पत्र देकर ग्रामीणों द्वारा कार्यवाही की मांग की जा चुकी है परंतु कोई कार्यवाही nhi किये जाने से देवपुरा व कंवरपुरा के ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है।पूरा प्रशासनिक अमला उक्त कुएं से अवैध अतिक्रमण हटाने में असफल रहा है।जिससे मीठे पेयजल के लिए ग्रामीणों को दर दर की ठोकरे खानी पड़ रही है।
विगत 10 अप्रैल को मनोज बजरंग के यंहा भोज का कार्यक्रम था जिसमे खाने की झूठी पत्तलें उक्त कुएं में डालिजाकर उसे प्रदूषित किया जा रहा था ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर मनोज बजरंग द्वारा अपने हितबद्ध लोगो को बरगला कर लड़ाई झगड़ा करवाया गया और भोज में आये लोगो से औरतों से छेड़छाड़ के झूठे मुकदमे सदर पुलिस थाना केकड़ी में ग्रामीणों के विरुद्ध दर्ज करवा कर ग्रामीणों को थाने में बंद करवाया गया
।जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है जो कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है।
ज्ञापन में प्रशासन से आगामी दो दिवस में कुएं को अतिक्रमण मुक्त करवाने और अतिक्रमियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाहीकी मांग की गई है।दो दिवस बाद ग्रामीणों द्वारा आंदोलन की चेतावनी दी गई है जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व प्रशासन का होगा।
ज्ञापन देते समय जगरूप रामधन बद्री छोटू उदाराम गोपाल लाला गोपीलाल महावीर घीसालाल जय लाल श्रवण सहित सैंकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे।

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