देवनानी ने मुख्यमंत्री अषोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर में ही उपद्रवियों ने अपनी हरकत का सरकार को चुनौती दी है, लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी सरकार उपद्रवियों से सख्ती से निपटने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि जोधपुर की सड़कों पर 2 मई को दंगाइयों का नंगा नाच हो रहा था। स्वतंत्रता सैनानी स्व. बाल मुकुंद बिस्सा की मूर्ति पर इस्लामिक झंडा फहराया गया, विरोध करने वाले युवाओं पर हमला और पथराव किया गया लेकिन पुलिस अकर्मण्य खड़ी देखती रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में औरंगजेबी मानसिकता किस तरह हावी हो गई है, यह जोधपुर की घटना से साफ पता चलता है।
देवनानी ने कहा कि जोधपुर में जालोरी गेट पर बिस्सा की मूर्ति से झण्डा उतारकर विशेष तरह का झंडा फहराना और फिर पत्थरबाजी की घटना, बिना सत्ता के संरक्षण में संभव नहीं हो सकती है। कानून व्यवस्था के साथ यह खिलवाड़ मुख्यमंत्री अषोक गहलोत के गैर जिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से राजस्थान में लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं। पहले करौली में दंगा हुआ। लेकिन सरकार करौली की घटना से भी सख्ती से नहीं निपट सकी। यही कारण है कि उपद्रवियों के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप अब जोधपुर की घटना सबके सामने है।
देवनानी ने कहा, उपद्रवियों ने ना केवल भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास के घर के बाहर हंगामा और तोड़फोड़ की, बल्कि वहीं पर एक मोटरसाइकिल जला दी। इसी प्रकार जोधपुर शहर में विभिन्न स्थानों पर उपद्रवियों ने तोड़फोड़ के दौरान रास्ते से गुजरने वालों के साथ मारपीट की, पुलिसकर्मियों को पीटा गया और पत्रकारों पर भी हमले किए गए। देवनानी ने कहा, यह बहुत ही दुखदपूर्ण है कि इस मामले में पुलिस अभी तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
देवनानी ने कहा कि जोधपुर की घटना में पीएफआई की भूमिका पर संदेह जाता है। इसलिए सरकार को तुरंत प्रभाव से कार्यवाही करते हुए आरोपियों की गिरफ्तार करना चाहिए। साथ ही प्रदेष में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने वाले उपद्रवियों से सख्ती से पेष आना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार कोई कठोर नहीं उठाती है, तो भाजपा चुप नहीं बैठेगी और सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी।