विवेकानन्द केन्द्र का योग संगम संपन्न
गुलाबबाड़ी रोड स्थित राधेरानी गार्डन में हुआ आयोजन
अजमेर। जीवन में योग के लक्ष्य की सिद्धि का माध्यम ओंकार साधना है। ओम के नाम का उच्चारण किसी को पुकारने में अथवा अभिवादन के लिए किया जा सकता है लेकिन महर्षि पतंजलि की व्याख्या के अनुसार ओंकार परमेश्वर का नाम है जोकि समस्त क्लेश, कर्म, विपाक एवं आशय से मुक्त है। ओंकार साधना में ईश्वर के नाम का जप उसकी भावना के अनुरूप किया जाता है। यह साधना न केवल तनाव से मुक्ति दिलाती है अपितु यह जीवन के कल्याण का मार्ग भी पुष्ट करती है। उक्त विचार विवेकानन्द केन्द्र अजमेर के युवा प्रमुख अंकुर प्रजापति ने रविवार को राधे रानी गार्डन में संचालित किए गए केन्द्र वर्ग के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने ओंकार के घटक स्वर अकार, ऊकार तथा मकार के स्पंदनों की अभिव्यक्ति के स्वरूप की व्याख्या करते हुए बताया कि माण्डूक्य उपनिषद में अकार को वैश्वानर साधना, ऊकार को तेजस एवं मकार को साधना की प्राज्ञ अवस्था बताया गया है तथा पूर्ण ओंकार को ब्रह्म बताया गया है। प्रत्येक व्यक्ति यथोचित मार्गदर्शन में उक्त साधना के साथ जीवन के चरम लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है। विवेकानन्द केन्द्र आवर्तन ध्यान के जरिए इस साधना को योग विशेषज्ञों के माध्यम से कराता है।
नगर प्रमुख भारत भार्गव ने बताया कि विवेकानन्द केन्द्र द्वारा प्रत्येक रविवार को केन्द्र वर्ग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यत्मिक अभ्यास कराये जा रहे हैं। आगामी योग प्रशिक्षण सत्र का आयोजन 24 मई से वीर हकीकतराय उद्यान, शास्त्री नगर पार्क नं 4 में प्रातः 6 बजे से आयोजित किया जा रहा है जिसके पंजीकरण के लिए विवेकानन्द केन्द्र के सह प्रान्त प्रमुख अविनाश शर्मा के दूरभाष नंबर 9413305381 पर संपर्क किया जा सकता है।
केन्द्र वर्ग में प्रान्त कार्यपद्धति प्रमुख डॉ0 स्वतन्त्र शर्मा, ओम प्रकाश छापरवाल, रविन्द्र जैन, नाथूलाल जैन, लक्ष्मी चौहान तथा मीनाक्षी जांगिड़ भी उपस्थित थे।