एकत्व का दर्शन ही योग है – डॉ० स्वतन्त्र शर्मा

शास्त्री नगर, वीर हकीकतराय उद्यान में चल रहा है दस दिवसीय योग सत्र
एकत्व का दर्शन ही योग है – डॉ० स्वतन्त्र शर्मा
दो जून के बाद नियमित कक्षा के रूप में संचालित होगा योग वर्ग

अजमेर ! भारतीय दर्शन के अनुसार जगत अखण्डमण्डलाकार है और प्रत्येक प्राणी आंतरिक रूप से जुड़ा हुआ है जोकि अंर्तसंयोजित अंर्तसंबंधित तथा अंर्तनिर्भर है। इस संबंध को सार्वभौमिक नियम के रूप में स्वीकार करते हुए प्रत्येक व्यक्ति योगमय जीवन का आनन्द ले सकता है। योगशास्त्र गीता के अनुसार धर्मचक्र का पालन करते हुए उपार्जित कर्मफल में से कुछ अंश समाज एवं देशहित के लिए समर्पण करने से यज्ञसंकल्पना पूर्ण होती है। प्रत्येक राष्ट्र का गुणधर्म होता है तथा भारत का गुणधर्म त्याग एवं सेवा है जिसका आधार अध्यात्म है। शास्त्रों के अनुसार मनुष्य जीवन नरयज्ञ, पितृयज्ञ, देवयज्ञ, ऋषियज्ञ एवं ब्रह्मयज्ञ नामक पंचयज्ञों के बिना जीवन अपूर्ण है। भावी पीढ़ी में संस्कारों के निरूपण हेतु नरयज्ञ, कुल की परंपराओं की पालनार्थ पितृयज्ञ, पर्यावरण की स्वच्छता एवं ऊर्जा के संरक्षण हेतु देवयज्ञ, सत्साहित्य का अध्ययन ऋषि यज्ञ तथा आत्मज्ञान के लिए प्रवृत्त होने को ब्रह्मयज्ञ कहा गया है। उक्त विचार विवेकानन्द केन्द्र राजस्थान के प्रान्त कार्यपद्धति प्रमुख डॉ० स्वतन्त्र शर्मा ने शास्त्री नगर स्थित वीर हकीकत राय उद्यान, पार्क संख्या 4 में दस दिवसीय योग सत्र के तृतीय दिवस का अभ्यास कराते हुए व्यक्त किए।

उन्होंने बताया कि केवल शारीरिक अभ्यास, आसन, सूर्यनमस्कार, आसन, प्राणायाम करने में पारंगत होना मात्र की योग नहीं है। विवेकानन्द केन्द्र की मनुष्य निर्माण संकल्पना को स्पष्ट करते हुए डॉ. शर्मा ने बताया कि योग वह है जिससे परिवार, समाज एवं राष्ट्र के कल्याण के लिए व्यक्ति उपयोगी बने।

नगर प्रमुख भारत भार्गव ने बताया कि इस योग सत्र में शिथलीकरण अभ्यासों के साथ सूर्यनमस्कार एवं आसनों का अभ्यास कराया गया। इस दौरान नादयोग के साथ आवर्तन ध्यान का भी अभ्यास सिखाया गया । योग सत्र में प्रान्त सहप्रमुख अविनाश शर्मा, स्वाध्याय प्रमुख शशांक बजाज सहित जय गोयल, अजय गोयल, आशीष भटनागर का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि आगामी योग सत्र 4 जून से टोरण्टो पैलेस, नौ नंबर पेट्रोल पंप के पास, नसीराबाद रोड पर लगाया जाएगा जिसके लिए पंजीकरण फॉर्म पंचमुखी हनुमान मंदिर, बिहारी गंज, अजमेर पर दिए जा रहे हैं ।

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