खाद्य पदार्थो को जी एस टी मुक्त रखने की मांग

मंडी व्यापारी के एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर खाद्य पदार्थो को जीएसटी मुक्त रखने की मांग की।
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केकड़ी 14 जुलाई(पवन राठी) केकड़ी व्यापारिक एसोसिएशन के बैनर तले व्यापारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन उपखंड अधिकारी को सौंप कर खाद्य पदार्थों को जीएसटी से बाहर रखने की मांग की केकरी व्यापारिक एसोसिएशन के प्रवक्ता शैलेंद्र को दिया ने बताया कि उक्त विज्ञापन में व्यापारियों ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि
खाद्यान्न गेहु आटा,दाल चांवल को लीगल मेट्रोलॉजी की परिभाषा में लेते हुये प्रि पैकेज्ड व प्रि लेबल पर जीएसटी की अनुशंसा जीएसटी काउंसिल ने केंद्र सरकार से की ह जो 18 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा।
उक्त विषय में सभी छोटे व्यापारियो, दाल मिलो आटा एवं चावल मिलो का निवेदन है कि बिना मार्के के आज के युग मे कोई खाद्य सामग्री नही मिलती,क्योकि उपभोक्ता अनाज व खाद्य पदार्थों पर उसकी एक्सपायरी डेट आदि देख कर लेता है अगर खाद्य पदार्थों पर जीएसटी ए लग गया तो करोड़ो छोटे-छोटे व्यापारी बेरोजगार हो जायेंगे तथा देश में वापस इंस्पेक्टर राज आ जायेगा। अत आपसे निवेदन कि इन खाद्य पदार्थों व अनाज को पूर्व की तरह एक्जेम्प्टेड गुड्स की श्रेणी में रखा जाए।मंडी में किसान माल ढेरी लगाकर बेचता है पर व्यापारी उस पर लेबल लगाकर उसकी किश्म प्रदर्शित करता है कि यह किस क्वालिटी की जीन्स है जिससे यह प्रि पकड़ की श्रेणी में आ जाता है। जीएसटी की दिनास 28-29 जून की मीटिंग की अनुशंषा के अनुसार 18 जुलाई 2027 से जीएसटी के दायरे में आयेगी।
इससे भारतीय उद्योग व्यापार जगत की 7300 मण्डिया के 13000दाल मील,9800 चावल मिल,व 8000आटा मिल व 30 लाख छोटी इकाइयां व 3 करोड़ छोटे व्यापारीयो का व्यापार प्रभावित होगाअतः आसपास निवेदन है कि जीएसटी कुंडल की सिफारिसों को निरस्त कर देश के करोड़ो व्यापारियों को राहत दिलाने का कष्ट करें।
ज्ञापन देने वालों में केकड़ी जाओ पारीक एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवकुमार तोषनीवाल शिवप्रसाद तोषनीवाल सचिव गौतम चंद जैन प्रवक्ता शैलेंद्र बोरदिया, प्रमोद जैन ओमप्रकाश फतेहपुरिया दिनेश काबरा सुरेश जैन सुभाष बियान
सहित कई मंडी व्यापारी उपस्थित थे।

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