अजमेर। अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम को लेकर किये गये तुगलकी निर्णयों से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बिगाड़ने एवं विद्यार्थियों के जीवन से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। देवनानी ने आज एक बयान जारी कर कहा कि सरकार ने राजस्थान बोर्ड के पाठ्यक्रमानुसार पढ़ायी जाने वाली पुस्तकों पर रोक लगाकर बिना सोचे समझे प्रदेश में हूबहू सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू कर दिया था और अब जाकर सरकार को अपनी गलती का आभास हुआ है कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को इसे समझने में कठिनाई हो रही है तथा पुनः प्रदेश में बोर्ड के अपने पाठ्यक्रमानुसार पुस्तके छपवाकर अगले सत्र से लागू किये जाने की तैयारी की जा रही है।
देवनानी ने कहा कि यह अत्यन्त गैरजिम्मेदाराना तरीके से उठाया गया कदम था जब प्रदेश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल एवं बोर्ड अध्यक्ष सुभाष गर्ग ने सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने से पहले इस बात पर बिल्कुल विचार ही नहीं किया कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी इस पाठ्यक्रम को समझ भी पायेंगे या नहीं जबकि इस लागू किये जाने के समय भी प्रदेश में हर तरफ इसका भारी विरोध हुआ था। देवनानी ने आरोप लगाया कि इस तुगलकी निर्णय के पिछे कहीं न कहीं पर तत्कालीन शिक्षा मंत्री एवं बोर्ड अध्यक्ष की मिलीभगत व निजी स्वार्थ शामिल रहे है।
देवनानी ने कहा कि सरकार द्वारा थोंपे गये सीबीएसई पाठ्यक्रम के कारण दो साल तक विद्यार्थियों को अध्ययन में भारी कठिनाई हुई है साथ ही इसके कारण उनका मानसिक शोषण भी हुआ है तथा इस पाठ्यक्रम के कारण जिन विद्यार्थियों के परिणाम प्रभावित हुए है उन्हें जीवन भर इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा।