हेपेटाइटिस लाइलाज नहीं; लक्षण दिखाई देने पर उपचार में देर ना करें

मित्तल हॉस्पिटल में लगे निःशुल्क पेट, आँत व लीवर रोग चिकित्सा एवं परामर्श शिविर में अनेक रोगियों ने उठाया लाभ
गैस्ट्रोएण्ट्रोलॉजिस्ट डॉ ऋषभ कोठारी एवं जी आई सर्जन डॉ एस पी जिन्दल ने रोगियों को दिया परामर्श

अजमेर, 28 जुलाई()। हेपेटाइटिस लाइलाज बीमारी नहीं है। लक्षण दिखाई देने पर जल्द ही डॉक्टर से सलाह करें और उपयुक्त उपचार कराएं। पहले जांच सुविधाओं के अभाव में बीमारी का उपचार पाने में देरी होने से समस्या बढ़ जाती थी। अब तो बचपन में ही बच्चों को वैक्सीन लगाने से लेकर वयस्क अवस्था में बढि़या जांच व उपचार सुविधाएं उपलब्ध हैं जो पीडि़त को जल्द स्वस्थ बनाती हैं।
यह बात वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे – 28 जुलाई के अवसर पर मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर के पेट, आँत व लीवर रोग चिकित्सा विषेषज्ञ डॉ ऋषभ कोठारी एवं गैस्ट्रो एण्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ एस पी जिंदल ने कहीं। वे गुरुवार को मित्तल हॉस्पिटल में आयोजित पेट, आँत व लीवर रोग के निःषुल्क चिकित्सा एवं परामर्श शिविर में पहुंचे रोगियों को परामर्ष दे रहे थे। षिविर का अजमेर और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के अनेक रोगियों ने लाभ उठाया।
गैस्ट्रोएण्ट्रोलॉजिस्ट डॉ ऋषभ कोठारी ने बताया कि लीवर, आँत, पैनक्रियाज, पित्त की थैली व पेट संबंधित सभी रोगों से पीडि़त जैसे भोजन निगलने में दिक्कत आना, मुंह से खून की उल्टी होना, मलद्वार में खून आना आदि से संबंधित रोगी षिविर में परामर्श लाभ लेने पहुंचे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पेट व आँत से संबंधित रोगियों में वृद्धि देखी जा रही है, इसका मुख्य कारण दूषित पानी और खान-पान है; एक अन्य कारण लोगों में रोग के लक्षण दिखाई देने के बावजूद उपयुक्त चिकित्सक की सलाह से उपचार लेने में देरी करना भी है। इससे रोग बढ़ जाता है और क्रोनिक लीवर की बीमारी में परिवर्तित हो जाता है। डॉ कोठारी ने बताया कि वर्तमान में लीवर, आँत, पैनक्रियाज, पित्त की थैली व पेट संबंधित सभी रोगों की एण्डोस्कोपिक जांच एवं उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। रोगियों के लिए बेहतर है कि रोग का उपयुक्त समय पर उपचार लेवें।
गैस्ट्रो एण्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ एस पी जिन्दल ने बताया कि हेपेटाइटिस बहुत कॉमन बीमारी है। इसका मूल कारण खोजा जाए तो खान-पान व दूषित जल ही है। वर्तमान में इंटरनेषनल ट्रेवलिंग भी एक वजह हो गई है। भूख ना लगना, पेट दर्द होना, तथा अन्य लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह तुरंत लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में पाचन तंत्र से संबंधित सभी बीमारी जिनमें आहार नली से लेकर गुदा द्वार तक सभी रोग; पैनक्रियाज, लीवर कैंसर से जुड़ी एडवांस सर्जरी की तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। डॉ जिन्दल ने बचपन में ही हेपेटाइटिस वैक्सीन बच्चों को लगवाने की तरफ ध्यान देने की भी आवष्यकता बताई।
निदेशक सुनील मित्तल ने बताया कि पंजीकृत रोगियों को चिकित्सक द्वारा षिविर में निर्देशित जांचों पर 25 प्रतिशत तथा ऑपरेशन व प्रोसीजर्स पर 10 प्रतिशत छूट शिविर से सात दिवस तक प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि षिविर के दौरान 40 रोगियों की फाइब्रोस्कैन जांच भी निःषुल्क की गई।
ज्ञातव्य है कि मित्तल हॉस्पिटल केन्द्र सरकार (सीजीएचएस), राज्य सरकार (आरजीएचएस), रेलवे कर्मचारियों एवं पेंशनर्स, भूतपूर्व सैनिकों (ईसीएचएस), ईएसआईसी द्वारा बीमित कर्मचारियों तथा सभी तरह के टीपीए द्वारा उपचार के लिए अधिकृत है।

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