परोपकार जीवन का लक्ष्य

श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ अंतर्गत पुष्कर रोड़ स्थित श्री कलापूर्ण सूरि आराधना भवन प्रांगण में जिनवाणी प्रवचन में मुनि श्री मुक्तीश्वर विजय महाराज के शिष्य श्री मुनीश्वर विजय महाराज ने फरमाया कि तीन प्रकार के व्यक्ति शास्त्रों में बताये हैं, प्रथम कठोर चित्त वाले व्यक्ति किसी की भी इच्छाओं के प्रति समझदार नहीं होते, ये व्यक्ति अपने आप में दया-करूणा आदि लाने में असमर्थ होते हैं, दूसरा – कोमल व्यक्ति यह दूसरों के प्रति संवेदनशील होता है जो अपनी जरूरतें पूर्ण होने के पश्चात् अन्य के बारे में सोचता है, तीसरा – कृपालु व्यक्ति यह निरंतर परोपकार एवं गुणवृद्धि में तत्पर रहता है –
हम अपने आपको कौनसी श्रेणी में रखते हैं विचारणीय है स्वयं, स्वयं का परीक्षण करें
रिखबचंद सचेती
मंत्री

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