श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ अंतर्गत पुष्कर रोड़ स्थित विजयकलापूर्ण सूरि जैन आराधना भवन प्रांगण में मुक्तीश्वर विजय महाराज के सानिध्य में कल्पसूत्र वाचन अंतर्गत पांचवे दिन वीर प्रभु भगवान महावीर का जन्म वाचन प्रारम्भ हुआ, उस काल भाव का वर्णन करते हुए फरमाया कि भगवान महावीर के जन्म समय सभी दिशाओं में आनन्द सभी जीवों को साता, फसल खेती लहरा रही थी, उस समय त्रिशला माता 9 मास 7.5 दिन पूर्ण होने पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में प्रभु महावीर का जन्म हुआ, यह उद्घोषणा मुनि भगवंत के मुखारविंद से होते ही पूरा हॉल भगवान महावीर की जय-जयकारों से, झालर, ढ़ोल, बैंड के साथ गुंजायमान हो गया, अक्षत-चावल से प्रभु के पालने को बधाया तत्पश्चात् पूरा संघ श्रावक-श्राविका युवान मुनि भगवंत की अगुवाई में पालना जी को सिर पर रखकर, चाँदी के 14 स्वप्न को सिर पर धारण कर बैंड बाजे के साथ, वासुपूज्य स्वामी मंदिर जाकर पुन: आराधना भवन आये।मंत्री रिखब चंद सचेती ने कहा रात्री को प्रभु पालनाजी की भक्ति भावना दिगम्बर जैन मंडली द्वारा की जायेगी ।
रिखबचंद सचेती
मंत्री
