चित्रकला शिविर मानसून स्ट्रोक- 4 का आयोजन

दिनांक 11 सितम्बर, अजमेर
आकार आर्ट ग्रुप अजमेर, पृथ्वीराज फाउंडेशन तथा महाराणा प्रताप हल्दीघाटी फाउंडेशन अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 11 सितंबर रविवार को एक दिवसीय तत्स्थलीय कला शिविर मानसून स्ट्रोक- 4 का आयोजन किया गया, जिसमें हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अजमेर के प्राकृतिक दृश्यों, सुरम्य स्थानों का चित्रण किया गया। शिविर का आयोजन महाराणा प्रताप स्मारक हल्दीघाटी अजमेर पर किया गया।
आकार आर्ट ग्रुप अजमेर और पृथ्वीराज फाउंडेशन कलाकारों को प्रौत्साहित करने के लिए लगातार कला गतिविधियों का आयोजन करते रहते हैं। जिसमें कला प्रदर्शनी, कला वार्ता, कला शिविर आदि आयोजित होते हैं।
राजस्थान के जानी मानी हस्तियां, कलाकार, विघालयो के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। सभी ने अपने चित्रों के माध्यम से अजमेर की खुबसूरती को उकेरा। अजमेर जिले के सृजनात्मक कलाकारों ने भी अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई। शिविर में भाग लेने वाले सभी कलाकारों को आयोजन संस्था द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त पूर्व में आयोजित स्वर्गीय बी सी गहलोत की स्मृति में चित्रण शिविर में भाग लेने वाले कलाकारों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए गए।
इस कला शिविर में देश के विभिन्न शहरों (दिल्ली, लखनऊ, इंदौर तथा सम्पूर्ण राजस्थान के अलग–अलग शहर) के कुल 35 वाटरकलर के कलाकारों ने भाग लिया। शिविर के संयोजक व अजमेर के प्रतिष्ठित जलरंग के माहिर देवेन्द्र खारोल ने बताया कि इस शिविर की विशेष उपलब्धि यह थी कि शिविर में पधारे सभी चित्रकार राजस्थान के जानेमाने जल रंग के कलाकार है। श्री राम जैसवाल तथा श्री अशोक हाजरा, श्री अनुपम भटनागर , श्री सविन्दर सिंह , श्री प्रह्लाद शर्मा , श्रीअशोक दिक्षित , साधना संगर , लक्ष्यपाल सिंह , सुनील सक्सेना , संजय सेठी, ऋतु, आलोक शर्मा ,मदन राजोरिया, केजीकदम , एस संखालकर , लता शर्मा , विनय त्रिवेदी , कौशिक कुंडू , अनिल , अर्जित , दयाराम , प्रजेस्ट, महेश , राकेश , बिव्दीचंद , मुकेश , मदन , बनवारी , मनोज , विक्रम , आदित्य , सुनील , पुष्प कांत मिश्रा , विशाल आदि ने भाग लिया । } शिविर संयोजक श्री देवेन्द्र खारोल के अनुसार इस प्रकार के आयोजन हमारी विरासत और नगर के सौंदर्य से अवगत कराने का प्रयास है। ऐसे कला शिविर से स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयुक्त है चित्रकला को जीवित रखने व इतिहास को जीवित रखने भी यह एक माध्यम है।
संयोजन देवेन्द्र खारोल अजमेर

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