केकड़ी में खेली गई अंगारों की होली
किसी काम नही आई प्रशासन की सख्ती–प्रशासनिक उपायों को युवाओं ने दी खुली चुनोती
केकड़ी27 अक्टूबर(पवन राठी)
पूरे भारत में केकड़ी मे निकलने वाली घास भैरु की सवारी प्रसिद्ध है। घास भेरू की सवारी मे अंगारों की होली खेली जाती है। एक दूसरे पर घातक पटाखे फेंके जाते हैं । हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रशासन घातक पटाखों की बिक्री और एक दूसरे पर पटाखे फेकने वालों को रोकने में नाकाम रहा। एक दूसरे पर पटाखे फेंकने से 2-3 पुलिसकर्मी और 100 लोग भी घायल हुए। जिनमे से5-6 को जिला अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया गया शेष को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
12 लोगो को उत्पात करने के लिए हिरासत में लिया गया जिन्हें समझाईश के बाद पुलिस द्वारा छोड़ दिया गया।
दिनभर युवाओं की अलग-अलग टोलियां एक दूसरे पर पटाखे फेक रही थी। लेकिन प्रशासन ने दिन भर तो युवाओं को कंट्रोल कर लिया। जैसे-जैसे संध्याकाल होने लगा वैसे वैसे ही युवा पटाखे फेंकने मैं हावी होने लगे। रात्रि 8:00 बजे घास भैरू की सवारी गणेश प्याऊ से शुरू होकर खिड़की गेट, लोढ़ा चौक, चारभुजा मंदिर, माणक चौक, सूरजपोल गेट, भैरू गेट, सड़सड़ी गेट होते हुए वापस गणेश प्याऊ पहुंची। घास भैरू की सवारी में सैकड़ों युवा मौजूद रहते हैं और एक दूसरे पर पटाखे फेंकने का आनंद लेते हैं। युवाओं के पटाखे फेंकने से कई युवा झुलस जाते हैं फिर भी युवा इस खेल से डरते नहीं है । युवाओं द्वारा इस खेल को खेलने में आनंद महसूस किया जाता है।
काम नही आई प्रशासन की सख्ती
प्रशासन की शक्ति युवा वर्ग के सामने बोनी बनकर रह गयी और युवा वर्ग उनके नियंत्रण से बाहर हो गया जिससे घास भेरू की सवारी काल मे जमकर अंगारों की होली खेली गई।युवाओं ने प्रशासन द्वारा उठाये गए सभी कदमो की बखिया उधेड़ने में कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ी।