केकड़ी: 6 नवंबर(पवन राठी)बंजारा मोहल्ला स्थित सिंधी मंदिर में सात दिवसीय गुरु नानक जयंती सत्संग समारोह जो कि रोजाना सुबह 5:00 बजे से 7:00 तक आयोजित किया जा रहा है जिसमें आज पांचवे दिन प्रात: है बहन ईश्वरी देवी होतचंदानी के सानिध्य में सत्संग आयोजित किया गया जिसमें बहन ईश्वरी देवी होतचंदानी ने कहा कि आमतौर पर लगने वाले ग्रहण के दौरान जो सूतक लगता है वह तो कुछ समय बाद ही समाप्त हो जाता है लेकिन पावन ग्रंथ-गुरु ग्रंथ साहिब जी में संतो महापुरुषों की कई वाणीयां दर्ज है जिसमें गुरु नानक देव जी अपनी वाणी में फरमा रहे हैं कि जो इंसान मन में लोभ करता है,पराये धन पर नजर गड़ाए रखता है, आँखों से पर नार को गलत निगाह से देखता है कानों से रस लेकर दूसरों की बुराई सुनता है अपनी जबान से झूठ बोलकर दिल दु:खाता है यह सब एक प्रकार से सूतक है जिन्हें इंसान हर पल अपने साथ लिए जीवन जी रहा है है और इन सबसे बड़ा सूतक भ्रम है जैसा कि वह सोचता है मैं हीं बिल्कुल सही हूं। और एक प्रकार से खाना-पीना पवित्र है लेकिन अन्न में और पानी में असंख्य जीव विचरण कर रहे होते हैं एक प्रकार से यह भी सूतक है।
गुरु नानक साहब अंत में कह रहे हैं कि जिस भी इंसान ने जीते जी गुरु किया,परमात्मा को जान लिया,जानकर उसका सिमरन किया,परमार्थ हेतु जीवन जिया और सबके लिए भले की कामना की उसको किसी भी प्रकार का सूतक नहीं लगता है।
सत्संग के दौरान भारती सेवकरामानी, हेमा कोडवानी, लता पमनानी रिद्धि होतचंदानी लक्ष्मी रूपचंदानी ने गीत,भजन प्रस्तुत किए।
सत्संग के दौरान सावित्री हरवानी योगिता कोडवानी,रेखा पमनानी,जय महाराज,नरेंद्र बजाज,राकेश बालानी,अशोक लालवानी आदि ने सहयोग प्रदान किया।
