*गुरु मुख वचन प्राणी मात्र हितकर-आचार्य वैराग्य नंदीजी

केकड़ी 18 नवंबर(पवन राठी)
चारित्र धारी साधकों की संगति से जीवन में चारित्र की सुगन्ध फैलती है। गुरु प्रत्येक प्राणी के जीवन में खुशहाली का मंत्र देता है। गुरु मुख से निकले शब्द कर्ण रूपी कानों से सुनकर आत्म सात कर लेना चाहिए।
बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर – परिसर में आयोजित धर्म सभा मे आचार्य वैराग्यनंदी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान कहें। उन्होंने कहा कि भगवान का मन्दिर ऐसा भव्य एवं सुन्दर होना चाहिए कि मानव का मन्दिर के प्रति आकर्षण हो एवं दर्शन के उपरांत उसकाअधिकांश समय मन्दिर में तल्लीनता से लगा रहें।
मिट्टी सभी जगह एक सी ही होती है लेकिन वही मिट्टी तीर्थकरों के जन्म व मोक्ष कल्याणक स्थान पर वंदनीय हो जाती है ।
देव शास्त्र व गुरु के लिए व्यक्ति को समग्र जीवन न्योछावर करने के लिए तत्पर रहना चाहिए ।
मीडिया प्रभारी रमेश बंसल व पारस जैन ने बताया कि आचार्य श्री वैराग्यनंदी महाराज ससंघ 21 पिच्छी का सावररोड़ तिराहे पर मंगल प्रवेश हुआ जहाँ सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा भव्य अगवानी की गई ,तथा गाजे बाजे , माँ विशुद्ध जय घोष एवं जैन धर्म पताका के साथ जुलुस के साथ अजमेरी गेट, सदर बाजार, घंटाघर, चंद्रप्रभुचैत्यालय ,श्रीआदिनाथ मंदिर होते हुए श्री नेमीनाथ मंदिर पहुँचा, जहाँ जुलूस धर्म
सभा मे परिवर्तित हो गया । दीप प्रज्वलन व चित्र अनावरण रामगढ़ उदयपुर समाज द्वारा , पाद प्रक्षालन ताराचंद टीकम चंद मोनू कुमार पीटी ने किया । विनायनंजली चन्द्रकला जैन ने प्रस्तुत की । शाम को आरती,आनंद यात्रा के पश्चात समाज द्वारा आचार्य संघ व त्यागी व्रतियों के सम्मेद शिखर यात्रा का शुभशगुन किया गया । कार्यक्रम का संचालन समाज के मंत्री भागचंद जैन धुंधरी ने किया । अध्यक्ष अमर चंद चोरुका ने बताया कि 19 श्री नेमिनाथ मंदिर मे आचार्य श्री के सानिध्य मे शांतिनाथ मंडल विधान का आयोजन किया जाएगा ।

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