प्रेम, शांति एवं मानवता के दिव्य संदेश के साथ 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का समापन

संसार में शांति एवं प्रेम फैलाते जाएं:
सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

केकडी 24 नवंबर(पवन राठी)स्वयं को शांति एवं प्रेम का स्वरूप बनाते हुए पूरे संसार में इन दिव्य भावों को फैलाते जायें। ये उद्वार निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने 75 वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के समापन सत्र में देश विदेशों से लाखो की संख्या में सम्मिलित हुए विशाल मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।

केकड़ी ब्रांच मुखी अशोक कुमार रंगवानी के अनुसार सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वचनों द्वारा प्रेम, शांति एवं मानवता का दिव्य संदेश प्रसारित करने वाले इस पंचदिवसीय समागम का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। समागम के मध्य संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल का प्रांगण श्रद्धा, भक्ति, प्रेम के प्रकाशपुंज से झलक रहा था। दीप्तिमान हो रहा था।

केकड़ी मीडिया सहायक राम चंद टहलानी ने बताया कि सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज प्रवचन करती हुईं। आनंदविभोर हो रहा थी। समागम देने से पहले हमें स्वयं अपने जीवन में शामिल हुए श्रद्धालुओं के चेहरों में धारण करना होगा। किसी के पर शांति, सन्तुष्टि एवं खुशी का नूर प्रति मन में बैर, ईर्ष्या का भाव न रखते हुए सबके प्रति सहनशीलता एवं नम्रता जैसे गुणों को अपनाते हुए सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत शांति एवं अमन के संदेश की महत्ता को समझाते हुए सत्गुरु माता निश्चय ही हर भक्त का हृदय जी ने कहा कि यह संदेश दूसरों को बनना होगा।
समागम समापन होने के बाद होने वाले गुरु वंदना प्रोग्राम में अजमेर क्षेत्र से केकड़ी से कण-कण में शिक्षा विषय पर आधारित एक शिक्षाप्रद कहानी जिसमें राजस्थान की आन- -बान-शान,लोक संस्कृति,ग्रामीण मेले,परिवेश की परिकल्पना को आधारित करते हुए एक लघु नाटिका पेश कर लाखों की संख्या में उपस्थित दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया इस लघु नाटिका में केकड़ी ,अजमेर,गुलगांव, टांकावास आदि से लगभग 30 सदस्यों ने भाग लिया। इसमें दिल्ली मंडल-टीम गुरु वंदना, सोनिया रचवानी,कोमल रंगवानी,आशा रंगवानी अशोक कुमार रंगवानी का भरपूर सहयोग एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

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