अजमेर, 22 दिसंबर। राजस्थान लोक सेवा आयोग का 74 वां स्थापना दिवस समारोह आयोग परिसर में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत आयोग अध्यक्ष श्री संजय श्रोत्रिय द्वारा देवी सरस्वती जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ की गई। इससे पूर्व आयोग कार्मिकों द्वारा तिलक एवं आयोग सचिव श्री एचएल अटल, विधि परामर्शी श्री भंवर भदाला तथा संयुक्त सचिव श्री आशुतोष गुप्ता ने माननीय अध्यक्ष, सदस्यगण को बुके भेंट कर स्वागत व अभिनंदन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री श्रोत्रिय ने कहा कि आयोग की स्थापना 22 दिसंबर 1949 को हुई थी। आज हम आयोग का 74 वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। इस अवधि के दौरान आयोग द्वारा विभिन्न नवाचार किए गए। प्रक्रिया संवर्धन पर निरंतर कार्य किया। यह गर्व का विषय है कि विभिन्न जगहों पर जिन नवाचार व प्रक्रियाओं पर आज कार्य किया जा रहा है, उनको राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में ही किया जा चुका है। आज आयोग देश के अन्य लोक सेवा आयोगों से अग्रणी स्थान पर स्थापित है। यह आयोग कार्मिकों के कठिन परिश्रम व निश्चल साधना का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि हमारा आयोग परिसर हरितिमा युक्त व अत्यंत सुंदर है। हमारा प्रयास रहे कि हम इसे साफ-सुथरा बनाए रखें। स्वच्छता पूर्ण वातावरण अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ सकारात्मक माहौल निर्मित करता है।
श्री श्रोत्रिय ने कहा कि प्रगति के लिए सतत रूप से चलना आवश्यक है। कालक्रम अनुसार पुराने कार्मिकों का स्थान नए कार्मिक लेते हैं। आयोग की प्रतिष्ठा में और वृद्धि व विकास के लिए यह आवश्यक है कि निरंतर कार्य किया जाए। आयोग के अनुभवी कार्मिक अपने वर्षों से अर्जित ज्ञान का लाभ नए कार्मिकों व कनिष्ठों को दें। इस प्रशिक्षण व प्रेरणा से आयोग सदैव उर्जावान रहेगा।
आयोग सदस्य डाॅ संगीता आर्य ने कहा कि हमारे आयोग में पूर्ण गोपनीयता व शुचिता से कार्य किया जाता है। विभिन्न स्थानों से आने वाले विशेषज्ञ व आयोग सदस्य भी राजस्थान लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हैं। आयोग कार्मिकों के अथक परिश्रम से आयोग विभिन्न क्षेत्रों में देश में प्रथम स्थान रखता है।
आयोग सदस्य श्री जसवंत सिंह राठी ने अपने संबोधन में कहा कि आयोग की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाना हम सभी का दायित्व है। आयोग के संसाधनों व कार्मिकों की संख्या को बढ़ाने के प्रयास निरंतर किए जा रहे हैं। आयोग के अध्यक्ष पद को समय-समय पर विभिन्न विद्वान व्यक्तियों द्वारा विभूषित किया गया। इन सभी के मार्गदर्शन व सभी कार्मिकों की कार्यकुशलता से आयोग उपलब्ध संसाधनों के अनुसार श्रेष्ठ परिणाम दे रहा है।
आयोग सदस्य श्री बाबूलाल कटारा ने आयोग कार्मिकों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में लाखों की संख्या में अभ्यर्थी सम्मिलित होते हैं। इतनी बड़ी परीक्षाओं के आयोजन की व्यवस्था मामूली बात नहीं हैं। यह आयोग कार्मिकों की लगन व मेहनत का परिणाम है कि सभी कार्य सहजता पूर्वक व समयबद्ध तरीके से संपन्न हो पाते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयोग सचिव श्री एचएल अटल ने कहा कि 22 दिसंबर का दिन साल का सबसे छोटा दिन है किंतु, आयोग के लिए सबसे बडा दिन है। यह दिन हमें सीमित समय में निर्धारित कार्य की प्रेरणा भी देता है। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति किसी भी राष्ट्र का भविष्य निर्धारित करती है। ऐसे में आयोग का कार्य अत्यंत संवेदनशील हो जाता है। लाखों युवाओं के भविष्य के दृष्टिगत विज्ञापन से होते हुए परिणाम तक के सफर में आयोग पूर्ण निष्पक्षता व गोपनीयता का पालन करता है। भारतीय संविधान की मूल भावना ’’सबके लिए समानता’’ को फलीभूत करते हुए आयोग योग्यतम अभ्यर्थियों को रोजगार के सुअवसर प्रदान करता है।
आयोग की वर्ष के दौरान प्राप्त उपलब्धियों पर बोलते हुए श्री अटल ने कहा कि आयोग द्वारा मिशन मोड में कार्य किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि हम समयबद्ध भर्ती परीक्षा कराने में सफल हुए हैं। यह आयोग कार्मिकों के कार्य के प्रति समर्पण का परिणाम है कि डीपीसी, परिणाम, भर्ती परीक्षा, साक्षात्कार, नियम संशोधन एवं अन्य सभी कार्य नियत समय पर संपादित किए जा सके। उन्होंने कहा कि युवा अभ्यर्थियों के स्वप्न हमसे जुड़े हैं। हम सभी संकल्प लें कि आवंटित कार्य को पूर्ण सावधानी व समयबद्ध तरीके से संपन्न करेंगे।
विधि परामर्शी श्री भंवर भदाला ने कहा कि आयोग की कार्यप्रणाली अन्य विभागों से अलग है। इसलिए यहां पर किया जाने वाला कार्य पूर्ण गोपनीयता से किया जाता है। आयोग कार्मिक पूर्ण निष्ठा से अपना कार्य करते हैं। हम सभी अपना मनोबल बनाए रखें और आयोग को उन्नति के पथ पर अग्रसर रखें।
संयुक्त सचिव श्री आशुतोष गुप्ता ने कहा कि आयोग द्वारा इस वर्ष रिकॉर्ड भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया गया। आयोग को प्राप्त होने वाले लाखों आवेदन से यह ज्ञात होता है कि आज भी राजकीय सेवा का आकर्षण कायम है। आयोग के हम सभी कार्मिकों का दायित्व है कि अधिकारों के प्रति सचेत रहते हुए अपने कर्तव्यों का याद रखें। आयोग के कर्मचारी हितों का राज्य सरकार द्वारा पूर्ण ध्यान रखा जा रहा है। इस वर्ष आयोग में नवीन पदों की स्वीकृति प्राप्त हुई। इसके परिणाम स्वरूप 80 कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ मिल सका है।
समारोह में आयोग के समस्त कार्मिकों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। मंच संचालन अनुभाग अधिकारी श्री दिनेश सिंगोदिया द्वारा किया गया। इस दौरान समस्त आयोग कार्मिक उपस्थित रहे।