चित्तरंजन करती है भागवत कथा

ब्यावर में भव्य भागवत कथा का शुभारंभ, श्रीजी महाराज ने सुनाया कथा महात्म्य
ब्यावर, 25 दिसंबर। धार्मिक नगरी ब्यावर में देलवाड़ा रोड बाइपास स्थित पर्ल आनंदा कॉलोनी में रविवार को भव्य भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। स्वर्णगंगा परिवार की ओर से आयोजित कथा में जगद्गुरु निम्बार्काचार्य पीठाधीश्वर श्यामशरण देवाचार्य श्रीजी महाराज ने व्यासपीठ पर विराजित होकर श्रीमद् भागवत कथा महात्म्य व शुकदेवजी के आगमन की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान का चिंतन और मनन करने से हमारा जीवन सफल और सार्थक हो जाता है। भक्ति को प्राप्त करने का सुगम साधन और माध्यम श्रीमद्भागवत कथा है। यह पावन कथा चित्तरंजन करती है। भक्ति से हमारा जीवन सफल और सार्थक हो जाता है। भक्ति को प्राप्त करने का सुगम साधन और माध्यम श्रीमद्भागवत कथा है। कलयुग के प्रभाव से मुक्त रहने के लिए भागवत कथा का श्रवण करें।
आचार्यश्री ने कहा कि मानव देह सुलभता से प्राप्त नहीं होती है। हमें कई जीव योनियों से गुजरने के बाद प्रभु कृपा बरसाकर हमें मानव योनि देकर धरती पर भेजते हैं। यह मानव देह दुर्लभ है, क्षणभंगुर है, इसे भक्ति मार्ग में लगाएं। लेकिन इंसान मूल लक्ष्य से भटककर सांसारिक मोह माया में उलझ जाता है। अनेक करोड़ों वर्षों में जो सुअवसर मिला है, उसे व्यर्थ न गंवाएं। जीवन को सार्थक बनाने के लिए भगवद भक्ति करें। कथा प्रारंभ होने से पूर्व रविशंकर शास्त्री, पवन शास्त्री व अशोक निम्बार्क ने मंगलाचरण गाया। मंच संचालन सुमित सारस्वत ने किया। ऑस्ट्रेलिया से आए मनमोहन तोषनीवाल, ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत, रायपुर तहसीलदार सर्वेश्वर निम्बार्क, आयोजक गणपत सर्राफ, संजय गर्ग, गौरव अग्रवाल, केशव सर्राफ, विवेक अग्रवाल, बड़ौदा से प्रमोद, धर्मेंद्र सिंहल, नेमीचंद सर्राफ, अनिल सर्राफ, हंसराज शर्मा ने व्यासपीठ का पूजन कर आचार्यश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रीजी महाराज सोमवार सुबह 11 बजे पर्ल आनंदा कॉलोनी में दीक्षा प्रदान करेंगे।
धूमधाम से निकाली कलश शोभायात्रा
आयोजक गणपत सर्राफ ने बताया कि कथा प्रारंभ होने से पहले विशाल कलश शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभायात्रा दोपहर 12.15 बजे सातपुलिया स्थित फतेहपुरिया बगीची से प्रारंभ हुई। शोभायात्रा में सबसे आगे हाथों में भगवा ध्वज लिए चार घुड़सवार, सुमधुर स्वर लहरियां बिखेरता बैंड, सिर पर मंगल कलश धारण किए महिलाएं, मंगल पोथी धारण कर चलते पुरूष और भजन गाते हजारों भक्त शामिल हुए। शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ देलवाड़ा रोड से गुजरते हुए कथास्थल पहुंची। गोविंद हरे गोपाल हरे, सर्वेश्वर दीनदयाल हरे.., राधे राधे गोविंद.. नाम संकीर्तन से वातावरण भक्तिमय हो गया। कलश यात्रा में ओमलता, उषा, राजरानी, कौशल्या, रंजना, ममता, प्रियंका, सोनल, वंदना, मेघा, खुशबू, सौम्या समेत हजारों भक्त शामिल हुए। जयपुर से आए लोक कलाकारों ने धार्मिक प्रस्तुतियां दी।
फूल बरसाकर किया शोभायात्रा का स्वागत
मार्ग में विभिन्न संस्थाओं और समाजों ने स्वागत द्वार लगाकर शोभायात्रा का स्वागत किया। भजनलाल सुरेशचंद सर्राफ परिवार, अग्रवाल समाज, माहेश्वरी समाज, ब्राह्मण समाज, यादव समाज, श्री रामकृण सत्संग मंडल, दुर्गा पूजा महोत्सव समिति, दादी परिवार न्यास, माणक कॉलोनी विकास समिति, शिवा कॉलोनी व अशोक नगर विकास समिति, मिट्ठनलाल भागचंद सर्राफ परिवार, कृष्णा कॉलोनी विकास समिति, जागेश्वर महादेव मंदिर समिति, मठ परिवार, भारत विकास परिषद, लॉयंस क्लब क्लासिक, लॉयंस क्लब यूनिक, अग्रसेन नगर हाउसिंग समिति व अन्य कई परिवारों ने फूल बरसाकर स्वागत किया।
इन दिव्य लीला प्रसंगों का होगा गुणानुवाद
सात दिवसीय कथा के मध्य ठाकुरजी के दिव्य लीला प्रसंग सुनाए जाएंगे। 26 दिसंबर को कपिल उपदेव व ध्रुव चरित्र, 27 को प्रहलाद चरित्र, नृसिंह अवतार एवं वामन अवतार की कथा होगी। 28 दिसंबर को श्रीराम अवतार व श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग सुनाया जाएगा। सभी भक्त धूमधाम से प्रभु का जन्मोत्सव मनाएंगे। 29 को श्रीकृष्ण की बाल लीला व गोवर्धन लीला प्रसंग सुनाया जाएगा। छप्पन भोग के साथ गोवर्धन पूजा की जाएगी। 30 को रासलीला रहस्य, गोपी गीत एवं उद्धव चरित्र की कथा के साथ श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह उत्सव धूमधाम से मनाएंगे। 31 दिसंबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होने वाली कथा में सुदामा चरित्र, परिक्षित मोक्ष व शुकदेवजी की विदाई का प्रसंग सुनाया जाएगा।

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