केकड़ी 25 दिसम्बर सापंदा रोड स्थित आर्य समाज मंदिर में महान स्वतंत्रता सेनानी आर्ष गुरुकुल पद्धति के पुनः स्थापक स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती का बलिदान दिवस अग्निहोत्र कर मनाया गया।
आर्य समाज मंत्री अशोक आर्य ने बताया कि आर्य समाज मंदिर में साप्ताहिक यज्ञ के दौरान स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती का बलिदान दिवस मनाया गया स्वामी श्रद्धानंद 20 वी सदी के महानायक रहे है इन्होंने ही गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना की और लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति का विरोध किया और जगह जगह गुरुकुल खुलवाएं आर्ष शिक्षा प्रणाली को चालू किया। आर्य समाज प्रधान रतन पंवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी श्रद्धानंद महर्षि दयानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी थे और उन्होंने आर्य समाज के कार्य को बहुत आगे तक बढ़ाया आर्य वीर दल अधिष्ठाता सत्यनारायण सोनी ने बताया कि स्वामी श्रद्धानंद निर्भीक संपादक रहे इन्होंने ही भारतीय स्वामित्व में पहला राष्ट्रीय स्तर का दैनिक अखबार प्रकाशित किया। यह सांप्रदायिक सद्भाव के प्रतीक रहे वही पहले व्यक्ति थे जिन्होंने दिल्ली की जामा मस्जिद के मिंबर और स्वर्ण मंदिर के अकाल तख्त साहब से प्रवचन करने का गौरव प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में पूर्व प्रधान छोटू लाल कुमावत, मूलचंद महावर, कपूर चंद सोनी, तेजमल पवार, अशोक कुमार जेतवाल, कैलाश चंद महावर, शंभू सिंह चौहान, बजरंग सिकलीकर, कमलेश कुमार माली, करिश्मा, नवनीत, मानव पवार, सहित सभी आर्य जन उपस्थित रहे।
