अपने और पराए का फर्क वक्त पर ही पता लगता है – यशस्विनी माताजी

वक्त पर अपने और पराए का फर्क पता लगता है यह श्री यशस्विनी माताजी ने कहा कि अच्छे और बुरे समय की पहचान वक्त आने पर ही पता लगती है कि अपना कौन है और पराया कौन है अच्छे मित्र बुरे वक्त में भी साथ दिया करते हैं और स्वार्थी लोग केवल अच्छे समय में ही आपको साथ खड़े नजर आएंगे देखा जाए तो बेटी और बहू है दोनों स्त्री लेकिन मां को अधिक दुख बेटी का ही होता है क्योंकि उसका आंतरिक लगाव बेटी से जुड़ा होता है बहू से इतना लगाव नहीं होता करण सिर्फ लगाव का ही है हम जहां जहां रुचि रखते हैं वह हमारे संबंध अच्छे हो सकते हैं और जहां पर हमारी रुचि नहीं है वह विचारों में विभिनता आ जाती है यह मनुष्य की प्रकृति है उसको सद्भाव में रहना आना चाहिए

माताजी ने कहा कि जहां मनमुटाव विचारधाराओं का अलग रास्ता हो वह रिश्ता आदर्श नहीं हो सकता है अपने व्यवहार में सरलता को धारण करें जीवन को शहीद पथ पर चलाएं तभी मन के संताप दूर हो सकते हैं

श्री दिगंबर जैन मुनि संघ सेवा जागृति मंच के तत्वावधान में चल रहे माता जी

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