पोकी नाडी एवं आसपास के क्षेत्र का होगा कायाकल्प।
केकड़ी 21 फरवरी(पवन राठी)संत निरंकारी मिशन द्वारा आजादी के 75वें अमृत महोत्सव अवसर पर सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सानिध्य में दिनांक 26 फरवरी, दिन रविवार को अमृत परियोजना के अंतर्गत स्वच्छ जल स्वच्छ मन का शुभारम्भ किया जायेगा।
केकड़ी ब्रांच मुखी अशोक कुमार रंगवानी ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण तथा इसके स्थान हेतु अपनायी जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की योजना बनाना एवं उन्हें कान्ति रूप देना है। इस परियोजना का मुख्य बिन्दु जल निकायों की स्वच्छता एवं स्थानीय जनताबीच जागरूकता अभियान के माध्यम से उन्हें प्रोत्साहित करना है। इसमें केकड़ी ब्रांच द्वारा जयपुर रोड चौराहे पर स्थित प्राचीन जलाशय पोकी नाडी एवं उसके आसपास के क्षेत्र का साफ सफाई कर पौधारोपण कर कायाकल्प किया जाएगा
बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा समाज कल्याण हेतु जीवनपर्यन्त अनेक कार्य किये गये जिसमें स्वच्छता एवं वृक्षारोपण अभियान का आरम्भ प्रमुख है और उन्हीं की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हुए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष संत निरंकारी मिशन द्वारा निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के निर्देशन में अमृत परियोजना का आयोजन किया जा रहा है।
संत निरंकारी मिशन के सचिव आदरणीय श्री जोगिन्दर सुखीजा जी ने इस परियोजना संबंधित विस्तृत जानकारी दी कि यह परियोजना संपूर्ण भारतवर्ष के लगभग 1100 स्थानों के 730 शहरों, 27 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में विशाल रूप से आयोजित की जायेगी जिनमें मुख्यतः आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, गुजरात, गोवा हरियाणा हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब राजस्थान, तमिलनाडु तेलंगाना त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल इत्यादि सम्मिलित है।
केकड़ी ब्रांच के मीडिया सहायक राम चन्द टहलानी ने बताया कि इस परियोजना में निरंकारी मिशन के करीब एक लाख पचास हजार स्वयंसेवकों के सहयोग द्वारा जल संरक्षण और जल निकायों जैसे समुद्र तट नदियां, झीले तालाब, कुए पोखर, जोहर, विभिन्न झरनों पानी की टंकियों नालियों और जल पाराओं इत्यादि को स्वच्छ एवं निर्मल बनायेंगे। मिशन की लगभग सभी शाखाएँ इस अभियान में सम्मिलित होगी और आवश्यकता पड़ने पर अलग-अलग शाखाएँ भी निर्दिष्ट क्षेत्रों में सामूहिक रूप से इन सभी गतिविधियों में अपना योगदान देगी। ‘अमृत परियोजना के अंतर्गत भारत के दक्षिणी क्षेत्रों के मुख्य तटबंधों की स्वच्छता जिनमें सूरत,मुम्बई से लेकर गोवा तक का कोकम बेल्ट, मालाबार तट के कर्नाटक, केरल को तटीय रेखाओं और अरब सागर के पश्चिमी घाट की सीमा को तथा कोरोमंडल तट के दक्षिण पूर्वी तटीय क्षेत्रों को स्वयंसेवकों की टीमों द्वारा कवर किया जायेगा। इसके अतिरिक्त पूर्व में बंगाल की खाड़ी, और दक्षिण में कावेरी डेल्टा को भी कवर किया जायेगा।
नदियां इस अभियान में प्रमुख नदियों को भी सम्मिलित किया गया है जिसमें मुख्यतः उत्तरी क्षेत्र से व्यास, गंगा, यमुना और घाघरा, केंद्रीय क्षेत्र से चबल बेतवा, नर्मदा, कृष्णा, ताप्ती सोन नदी: पश्चिमी क्षेत्र से साबरमती माही तथा पूर्वी क्षेत्र से महानदी, गोदावरी और दक्षिणी क्षेत्र से कृष्णा. कावेरी, कोल्लिडम इत्यादि प्रमुख है।
समुद्र तटों एवं नदियों की स्वच्छता हेतु प्रयोग की जाने वाली प्रणालियां प्राय प्राकृतिक जल निकायों वाले क्षेत्रों में पाया जाने वाला प्लास्टिक कचरा अपशिष्ट पदार्थ झाडियाँ, अपशिष्ट खाद्य पदार्थों को हटाकर समुद्र तटो घाटों एवं नदियों के किनारों की सफाई मिशन के स्वयंसेवकों द्वारा की जायेगी।
इसके अतिरिक्त प्राकृतिक एवं कृत्रिम जल स्त्रोतों में पायी जाने वाली काई को जाली की छड़ियों और अन्य उपकरणों की सहायता से हटाया जायेगा। इसके अतिरिक्त रास्तों की सफाई और आसपास के क्षेत्रों में घूमने एवं चलने वाले स्थानों को सुशोभित करने हेतु वृक्ष एवं अन्य झाड़ियों को स्वयंसेवकों के समूह द्वारा लगाया जायेगा ताकि पर्यावरण हरित एवं सुंदर रहे। इस अभियान में लोगों को जागरूक करने हेतु मुख्यतः जल संरक्षण और अच्छी जल प्रथाओं के बारे में संदेश प्रदर्शित करने वाले नारों, बैनरों, होर्डिंग्स द्वारा प्रदर्शित किया जाएगा
निसंदेह यह परियोजना पर्यावरण संतुलन, प्राकृतिक की सुंदरता और स्वच्छता हेतु किया जाने वाला एक प्रशंसनीय एवं सराहनीय प्रयास है। वर्तमान में हम ऐसी ही लोक कल्याणकारी परियोजनाओ को क्रियान्ति रूप देकर अपनी इस सुंदर धरा को हानि से बचा सकते है। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर भी रोक लगाई जा सकती है।