विवेकानन्द केन्द्र का योग सत्र : बी के कौल नगर में महेश वाटिका में संचालित योग सत्र का षष्ठ्म दिवस
स्थूल से सूक्ष्म की यात्रा योग है। बीज मंत्रों के संघोष से समस्त व्यक्तित्व के प्रगटीकरण का कार्य करना और इसका विस्तार कर देना योग की साधना है। मंत्रों के प्रभाव को आत्मस्थ करना और दिनभर उस भाव में जीना ही योग की संकल्पना को साकार करना है। योग का अभ्यास एक घण्टा होता है लेकिन उसका प्रकटन चैबीस घण्टा होना है। अपनी अंतर्निहित शक्तियों को प्रकट करके अपने दिव्य भाव को प्रकट करना ही योग है। शरीर और मन को जोड़ कर अपने व्यवहार को मन, वचन, कर्म के साथ एकरूप होकर परिवार, समाज और राष्ट्र के कार्य को करने के लिए तत्पर हो जाना ही योग का व्यवहारिक दृष्टिकोण है और यह अपनत्व का भाव ही योग की साधना है। योग साधना स्वयं के लिए न होकर यदि समाज के लिए होगी और उसके लिए हम अपना समयदान करते हुए प्रशिक्षित होते हैं तो न केवल व्यक्ति निर्माण की संकल्पना साकार होती है अपितु राष्ट्र पुररूत्थान का मार्ग भी प्रशस्त होता है। विवेकानन्द समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए कार्य कर रहा है जिसमें बच्चों के लिए संस्कार वर्ग, युवा एवं वरिष्ठों के लिए स्वाध्याय वर्ग एवं योग वर्ग एवं सभी के लिए केन्द्र वर्गों का संचालन होता है क्योंकि इसके माध्यम से शरीर और मन की शुद्धि होती है और शरीर रूपी साधन शुद्ध होने से ही हम अपना सर्वश्रेष्ठ विकास कर सकते हैं। उक्त विचार विवेकानंद केंद्र की जीवनव्रती कार्यकर्ता एवं राजस्थान प्रान्त संगठक सुश्री शीतल जोशी ने श्री माहेश्वरी प्रगति संस्थान एवं महेश कल्याण समिति के द्वारा विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा अजमेर के सहयोग से संचालित किए जा रहे योग एवं ध्यान सत्र के षष्ठ्म दिन का अभ्यास कराते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने बताया कि भारत अपनी अंतर्निहित शक्तियों के जागरण से आज विश्व में अपना स्थान बना रहा है तथा इसमें अनुशासित होकर दीर्घकाल तक निरंतरता के साथ भारत के विकास के लिए श्रद्धाभाव से अपनी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए स्वयं को प्रस्तुत करना ही वर्तमान समय में योग की आवश्यकता है।
नगर प्रमुख भारत भार्गव ने बताया कि आज के अभ्यास में सूर्यनमस्कार के साथ अर्द्धकटि चक्रासन, पादहस्तासन तथा अर्द्धचक्रासन का अभ्यास सूक्ष्म चैतन्यता जागरण अनुभूति के साथ आवर्तन ध्यान की पद्धति से कराया गया। इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र के नगर संचालक डॉ. श्याम भूतड़ा, रामकृष्ण विस्तार के संचालक दिनेश नवाल, योग शिक्षक शशांक बजाज, युवा प्रमुख अंकुर प्रजापति उपस्थित थे।
सत्र की व्यवस्था में श्री माहेश्वरी प्रगति संस्थान व महेश कल्याण समिति के सर्वश्री जयदेव सोमानी, सुरेंद्र लखोटिया, ज्वाला प्रसाद कांकानी, राकेश झंवर, मुरारी तोषनीवाल, गौरव मिलक,कमल काबरा, मुकेश मूंदड़ा , अनिल काहल्या , अंजनी भूतड़ा, अंकुश मुरक्या आदि ने अपना सहयोग प्रदान किया।