पेपर लीक के तार बड़े ‘मरगरमच्छों’ तक, वरिष्ठ न्यायाधीशों की निगरानी में हो जांच-देवनानी

-ईडी की छापेमारी पर पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी की तीखी प्रतिक्रिया, कांग्रेस सरकार पर जमकर बोला हमला
-कांग्रेस की बौखलाहट, दाल में जरूर काला है, गहलोत व डोटासरा के बयान से साबित हो गया, पेपर लीक गिरोह के तार सीएमओ तक जुड़े हुए हैं
-छापेमारी से पेपर लीक को लेकर लगे सभी आरोप सही साबित
-आरपीएससी अध्यक्ष व बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष जारोली से भी हो पूछताछ

वासुदेव देवनानी
अजमेर/जयपुर, 5 जून। पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) और द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा और अन्य भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रदेश में अनेक ठिकानों पर छापामारी करने से यह बात तो साबित हो गई है कि इन दोनों परीक्षाओं में जबरदस्त गड़बड़ी, करोड़ों के वारे-न्यारे और उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। पेपर लीक के तार कांग्रेस सत्ता और संगठन में बैठे ‘बडे़ मगरमच्छों’ तक जुड़े हैं, जिसकी वरिष्ठ न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए, ताकि कांग्रेस सरकार और पेपर लीक का सारा काला सच सामने आ सके।
देवनानी ने कहा कि ईडी के छापों पर जिस तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा के बयान आए हैं, उससे यह साबित हो गया है कि कांग्रेस बुरी तरह बौखला गई है और दाल में जरूर काला नजर आता है। इससे यह भी सिद्ध हो गया है कि पेपर लीक गिरोह के तार मुख्यमंत्री कार्यालय और सत्ता व संगठन के उच्च स्तर तक जुड़े हुए हैं।
देवनानी ने कहा कि पेपर लीक मामले को लेकर ऊपर तक जो आरोप लगे हैं, वे सब सही साबित हुए हैं। पेपर लीक मामले को लेकर पहले ही आरोप लगाए गए थे कि इनमें करोड़ों का लेनदेन व भ्रष्टाचार हुआ है, जो कि ईडी की छापेमारी से साबित हो गया है। अब तो यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो गई है कि भर्ती परीक्षाओं में जमकर अनियमितता, भ्रष्टाचार और करोड़ों का लेनदेन हुआ है।
देवनानी ने कहा कि गहलोत सरकार पूरी तरह युवा विरोधी है और युवाओं के जीवन से खिलवाड़ कर रही है। इस सरकार ने बेराजगारों के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। भले ही कांग्रेस की गहलोत सरकार कितनी ही फ्री योजनाएं चला ले, लेकिन किसी भी फ्री योजना का युवा बेरोजगारों पर कोई असर नहीं होगा। युवा बेरोजगार सरकार से रोजगार मांगते है, लेकिन सरकार उन्हें रोजगार देने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है।
देवनानी ने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय क्षोत्रिय को भी पूछताछ के दायरे में लिया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ही आयोग के निलम्बित सदस्य बाबूलाल कटारा को कई परीक्षाओं के पेपर सेट करवाने की जिम्मेदारी दी थी। उन्होंने कहा कि पेपर लीक से पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षा भी अछूती नहीं दिखाई दे रही है और इसमें भी कटारा के माध्यम से करोड़ों का लेनदेन होने की बू आती है। यह बात इसी से साबित हो जाती है कि गिरफ्तारी से एक दिन पहले तक कटारा सब इंस्पेक्टर भर्ती के साक्षात्कार बोर्ड में शामिल थे।
देवनानी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष डी.पी. जारोली से पूछताछ होनी चाहिए। जारोली खुद भी स्वीकार कर चुके हैं कि रीट पेपर लीक राजनीतिक संरक्षण के बिना संभव नहीं है। इतना साफ हो जाने के बाद भी एसओजी द्वारा जारोली से पूछताछ नहीं करना दाल में काला होने के संकेत हैं। प्रदेश सरकार बडे़ मगरमच्छों बचाने और एसओजी लीपापोती करने में लगी हुई है। एसओजी राज्य सरकार के दबाव में है।
देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि एसीबी अच्छा काम कर रही थी तो ईडी द्वारा छापेमारी करने की क्या जरूरत थी? जबकि जगजाहिर है कि प्रदेश में एसीबी कितना अच्छा काम कर रही है? राज्य सरकार और एसीबी की भूमिका संतोषजनक होती तो ईडी द्वारा छापेमारी की आवश्यकता ही नहीं थी लेकिन एसीबी राज्य सरकार के दबाब में है जिसके चलते ईडी को छापेमारी की कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि ईडी की कार्यवाही से लाखों बेरोजगार युवाओं को न्याय की उम्मीद जगी है।

प्रेसस नोट- दो

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