विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण शुद्धि हेतु किया यज्ञ एवं वृक्षारोपण

अजमेर ! संभागीय आयुक्त सी आर मीणा ने कहा कि यज्ञ और पर्यावरण संरक्षण के बीच अविभाज्य संबंध है । इस पृथ्वी पर यज्ञमय वातावरण में ही सर्वागींण विकास की झलक मिलती है। हमारे प्राचीन ऋषि- मुनियों ने मानव जाति के लिए जो धर्म बताएं हैं, वे यज्ञ से ही प्रेरित है । विश्व का कल्याण यज्ञ द्वारा पर्यावरण संरक्षण से ही संभव है।

सम्भांगीय आयुक्त मीणा जयपुर रोड स्थित भिनाय कोठी में महर्षि दयानंद निर्माण मेमोरियल ट्रस्ट एवं गोकृष्य दी रक्षिणी सभा द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण शुद्धि यज्ञ एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की हैसियत से संबोधित कर रहे थे! कहा किपर्यावरण प्रदुषण आज विश्व की ज्वलन्त समस्या है। जल, थल एवं वायु सभी अवांछित अवशिष्टों से परिपूर्ण हो गये है। इस प्रदुषण के कारण मनुष्यों का स्वास्थ्य अनेक व्याधियों से युक्त हो गया है।

संभागीय आयुक्त मीणा ने कहा कि सामायिक पर्यावरणीय विकृतियों में कमी लाने तथा विश्व के सभी प्राणियों को स्वस्थ एवं सुखी बनाने में यज्ञ परम सहायक है। यज्ञ के माध्यम से मंत्र शक्ति का प्रयोग लोक कल्याण तथा आत्म शुद्धि के लिए किया गया है। यज्ञ में उच्चारित विशिष्ट मंत्रों का प्रभाव शरीर संस्थानों पर विशेष प्रकार से पड़ता है। मंत्रोच्चारण करते समय सारा स्वर संस्थान झंकृत हो उठता है। मंत्रों के प्रभाव से होम किये गये पदार्थ ओषधियों से अधिक प्रभावशाली हो जाते हैं। दहन की सामान्य प्रक्रिया में अग्नि में डाला गया हविष्य असामान्य शक्तिवान हो जाता है । मन्त्रों के उच्चारण से उत्पन्न उष्मा संयुक्त रूप से भौतिक, मनौवैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक लाभ देती है।

इस अवसर पर अजमेर रेंज की पुलिस महानिरीक्षक लता मनोज कुमार ने कहा कि यज्ञाग्नि का सुगन्धित धुआं पर्यावरण में फैले विषाणुओं को नष्ट कर देता है। यज्ञ में प्रयुक्त पदार्थो विशेषतया गाय के घी को अग्नि में डालने पर उससे उत्सर्जित धुआं आणविक विकरण के प्रभाव को कम कर देता है। केवल हमारे देश में ही नहीं वरन् विश्व के कई देशों में यज्ञ से सम्बन्धित काफी अनुसन्धान किये गये हैं । सोवियत रूस के वैज्ञानिक शिरोविच ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि हम लोगों ने गव्य (दूध, मक्खन, घी, गोमूत्र, गोबर इत्यादि) के परिक्षण से निष्कर्ष निकाला है कि गाय के दूध में आणविक विकरण के प्रभाव से पूर्ण सुरक्षित रहता है। गाय के घी को अग्नि में डालने पर उससे उत्सर्जित धुआं आणिवक विकरण के प्रभाव को काफी हद तक कम कर देता है।

महर्षि दयानंद निर्वाण मेमोरियल ट्रस्ट के प्रधान एवं पूर्व विधायक डॉ श्री गोपाल बाहेती ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज भिनाय कोठी में विश्व शांति समृद्धि एवं पर्यावरण शुद्धी के लिए हवन कर वैदिक मंत्रोचार के साथ आहुतिया दी गई एवं वृक्षारोपण किया गया!
इस अवसर पर जवाहर फाउंडेशन के प्रभारी राजेंद्र गोयल शिव कुमार बंसल उमेश शर्मा महंत शिव शरण, सुभाष नुवाल, राहुल आर्य, आनंदी लाल शर्मा, पुरुषोत्तम यादव, आचार्य गोविंद सिंह, नरेश धीमन, जागेश्वर निर्मल, सत्यनारायण शर्मा, गिरधारीलाल, मेहराज ख़ान, आशीष सिंह, प्रकाश खन्ना, तेज सिंह, दिलीप चौहान, उमेश चंद्र शर्मा, चिरंजीलाल शर्मा, आशा राणा ओमप्रकाश शर्मा, सुभाष चाँदना मनीष चौरसिया सुरेश राठौड़ सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे !

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