बेटी की राह देखते पथराई मां-बाप की आंखें

पुष्कर। अपनी लाडली की राह देखते देखते मां बाप की आंखें पथरा गई है, लेकिन पुष्कर पुलिस का दिल है कि पसीजने का नाम ही नहीं ले रहा। यह कहानी पुष्कर से सटे गनाहेडा गांव में चाय की थडी लगाने वाले सोहन लाल सरगरा के परिवार की है।
सोहन लाल ने शायद सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस साले को वह बेटे की तरह पाल रहा है वही साला एक दिन उसके लिये आस्तिन का सांप निकलेगा। रिश्तों को झकझोर देने वाली इस घटना में किशनगढ निवासी कान्हाराम अपने से आधी उम्र की अपनी ही भांजी को बहला पुसलाकर ले गया। इस बात को तकरीबन 10 महिने बीत चुके हैं, लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं मिला।
सोहन लाल की नाबालिग लड़की पुष्कर के एक स्कूल में पढती थी। स्कूल जाने के दौरान उसे मामा कान्हाराम लेकर भाग गया जिसमें कई साथियों ने उसका साथ भी दिया था। इन सभी आरोपियों के खिलाफ  पीडित सोहन लाल ने पुलिस के छोटे से बड़े अधिकारी तक फरीयाद लगाई थी, लेकिन आज तक आरोपी खुले आम घुम रहे हैं। सोहन लाल को शंका है कि या तो उसकी बेटी को मार दिया गया है या फिर देह व्यापार के धंधे में ढकेल दिया है। सोमवार को पीडित पिता ने सीओ ग्रामीण अरूण माचा के सामने फरीयाद लगाई और चेतावनी दी कि यदि उसकी लाडली के साथ कुछ गलत हुआ तो वह आत्महत्या कर लेगा।
इस दलित नाबालिगा के अपहरण के मामले में पुलिस कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मां बाप की करुणामयी अपील के बावजूद सीओ ग्रामीण अरुण माचा दिलासा देकर निकल गये। वहीं कार्यवाहक थानाधिकारी निसार मोहम्मद यह कह कर बगले झांकने लगे कि पूर्व में इसकी जांच दूसरे अधिकारी के पास थी।
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