सुख और दुख बेचने से बिकता नहीं खरीदने से मिलता नहीं

विद्यासागर तपोवन में चल रहे चतुर्मास कार्यक्रम के तहत प्रवचन सभा में मुनि श्री सद्भाव सागर जी महाराज ने कहा कि कहीं ऐसी दुकान नहीं मिलेगी जहां सुख मिलता हो और दुख बिकता हो सुख और दुख एक चिंतन है जैसे हम महसूस कर सकते हैं
दुख ज्यादा दिन तक साथ नहीं रह सकता सब दिन एक जैसे नहीं होते समय आता है वक्त बदलता है मिजाज बदलता है रंगत अपने आप बदल जाती है इसलिए कहा गया है कि सब दिन एक जैसे नहीं होते
मुनि श्री संकल्प सागर जी महाराज ने कहा कि विनय महा धारे जो प्राणी शिव वनिता की सखी बखानी अर्थात जो व्यक्ति जीवन में विनय भाव को धारण करता है वह मोक्ष रूपी पथ पर चढ़ जाता है
आज की पावन धर्म सभा में महावीर चंद अजय गंगवाल परिवार ने दीप प्रज्वलन एवं शास्त्र भेंट किए आयोजित सभा में प्रदीप पाटनी महावीर अजमेरा विपिन चांदीवाल सुनील पालीवाल आदि उपस्थित थे
शाम को 6:30 बजे णमोकार महामंत्र अनुष्ठान के तहत सभी श्रावक जनों ने णमोकार महामंत्र का जाप किया
जागृति मंच के अध्यक्ष सुनील जैन होकरा ने बताया कि रविवार को प्रातः काल 7:30 से 5 साल से लेकर 18 साल के बच्चों तक का धर्म शिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा

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