आनासागर पर एनजीटी के फैसले के बाद अब जिम्मेदारों पर हो सख्त कार्यवाही – देवनानी

– आनासागर के कैचमेंट एरिया को बढ़ाया जाए और अतिक्रमण पर तत्काल हो कार्यवाही – देवनानी
– स्मार्ट सिटी के नाम पर अधिकारियो ने जमकर बांटी रेवड़ियां – देवनानी

वासुदेव देवनानी
अजमेर 06 अगस्त। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने आनासागर झील को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आए फैसले का स्वागत करते हुए कहा की स्मार्ट सिटी के मद से आए पैसों का अधिकारियो ने जमकर दुरुपयोग किया और आपस में खूब रेवड़ियां बांटी। एनजीटी के झील के किनारे निर्माण को अवैध बताते हुए देवनानी ने लापरवाह अधिकारियो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की भी मांग की है। देवनानी ने कहा की एनजीटी के फैसले के बाद झील को वापस से मूल स्वरूप में लाने की कवायद जल्द शुरू होनी चाहिए और साथ ही वर्ष 2014 के बाद से एकाएक झील के किनारे बढ़े अवेध अतिक्रमण को हटाया जाए। देवनानी ने कहा की केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अजमेर को शामिल कर यहां विकास को पंख लगाने का प्रयास किया था लेकिन अधिकारियो ने अपनी मनमर्जी के चलते यहां के मूल स्वरूप के साथ ही छेड़छाड़ कर विकास की आड़ में विनाश कर डाला।
देवनानी ने कहा की अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल हुआ तो नगरवासियों में कई तरह की आशाएं बढ़ गई थी लेकिन अधिकारियो ने उन आशाओं पर ग्रहण लगा दिया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होने वाले विकास कार्यों से जनप्रतिनिधियों को दूर रखा गया और विकास कार्यों के क्रियान्वयन में जनप्रतिनिधियों से किसी भी तरह की चर्चा नही की जिसका नतीजा है की आनासागर झील के किनारे सेवन वंडर्स तक का निर्माण हो गया जो की मूल रूप से प्लानिंग में शामिल भी नही था। देवनानी ने ट्रिब्यूनल का फैसला आने के बाद सेवन वंडर्स निर्माण को तत्काल तोड़ने की भी बात कही। देवनानी ने कहा की अधिकारियो ने बिना किसी विजन के साथ काम करते हुए आनासागर झील में मिट्टी डाल डाल कर इसके कैचमेंट एरिया को भी काफी छोटा कर दिया जिसका नतीजा इस बार आई बारिश के बाद कई कॉलोनियों को अभी तक भुगतना पड़ रहा है। झील का कैचमेंट एरिया कम कर दिए जाने के कारण झील का ओवरफ्लो पानी ना सिर्फ आसपास की कॉलोनियों के लिए मुसीबत बना बल्कि चैनल गेट से निकासी के कारण डाउनस्ट्रीम के क्षेत्रों में भी लोगो के लिए परेशानी का कारण बना।देवनानी ने कहा की आनासागर झील सिर्फ एक झील ना होकर शहर की पहचाना है और इसके मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ को लेकर कई बार केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से भी शिकायत की गई। इतना ही नहीं, आनासागर झील के संरक्षण को लेकर प्रशासन हमेशा से ही लापरवाह और उदासीन रहा है। यही कारण है इतना बजट होने के बावजूद आज भी आनासागर झील में 13 बड़े नालों का गंदा पानी सीधा उतर रहा है।

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