बिजली तंत्र के कुप्रबंधन से प्रदेश को अंधेरे में डुबो रही राज्य सरकार = देवनानी

पेयजल आपूर्ति से जनता त्रस्त = देवनानी

वासुदेव देवनानी
अजमेर 26 अगस्त। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर प्रदेश को अंधेरे में डुबोने का आरोप लगाया है। देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार के कुप्रबंधन के चलते प्रदेश का बिजली तंत्र और असहाय हो चला है और जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । देवनानी ने कहा कि प्रदेश में घोषित और अघोषित बिजली कटौती के बावजूद भी लोगों के बिल पहले की तुलना में दो से तीन गुना ज्यादा बढ़कर आ रहे हैं। देवनानी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की चुनाव के वक्त कांग्रेस ने प्रदेश में 148 जीएसएस बनाने की घोषणा की थी लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी प्रदेश में महज 48 ही नए जीएसएस बन पाए हैं जबकि 84 में तो अभी तक काम भी शुरू नहीं हो पाया है।
देवनानी ने कहा कि साल 2013 में जब भाजपा ने सत्ता संभाली तब तीनों बिजली कंपनियों पर कुल 80हजार करोड़ का कर्ज था जिसे 5 सालों में घटकर 2018 में जब भाजपा की सरकार सत्ता से बाहर हुई उसे 20हजार करोड़ पर ला दिया था। लेकिन पिछले साढ़े चार साल के दौरान तीनों बिजली कंपनियां वापस से 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है और इसकी सीधी मार प्रदेश की जनता पर पड़ रही है। देवनानी ने कोयला खरीद में भी जमकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली कंपनियां मार्केट रेट से कहीं ज्यादा महंगी दर पर कोयला खरीद रही है। देवनानी ने कहा कि बिजली कंपनियां विदेशों से 18 हजार रुपए प्रति मेट्रिक टन कोयला खरीद रही है जबकि बाजार दर 5 से 6 हजार प्रति मेट्रिक टन ही है। देवनानी ने कहा इस गोरखधंधे के चलते पिछले साढ़े चार साल में प्रदेश की जनता पर बिजली के बिल के जरिए जबरदस्त मार मारी जा रही हैं। देवनानी ने कहा की साल 2018में जब भाजपा सत्ता से बाहर हुई तब प्रति यूनिट बिजली की दर 5.80 रुपए थी जो आज बढ़कर 11.90 रुपए हो गई।
देवनानी ने अजमेर की पेयजल समस्या को लेकर भी राज्य सरकार पर हमला बोला और कहां की साल 2018 में सत्ता बदलने के साथ ही अजमेर में बदले प्रशासन ने सौतेला व्यवहार करना शुरू कर दिया। देवनानी ने कहा कि पिछली सरकार में भी वे अजमेर उत्तर से विधायक थे और तब बीसलपुर में कम पानी होने के बावजूद शहर को 48 घंटे के अंतराल में जलापूर्ति होती थी। लेकिन आज जब बीसलपुर बांध लबालब भरा हुआ है तो बावजूद उसके शहर में 72 से 96 घंटे के अंतराल में जलापूर्ति हो रही है। देवनानी ने कहा कि भाजपा शासन में एक आर.सी.सी. पाइप को स्टील पाइप में बदला गया था और इस सरकार में दूसरी पाइप लाइन को स्टील पाइपलाइन में बदला जाना था, जो आज तक नही बदली गई है जिससे वो लगातार टूट रही है जिसके कारण पानी की सप्लाई आये दिन बाधित हो रही है।
देवनानी ने कहा कि बीसलपुर फेस टू का काम 2021 में ही पूरा हो गया और सरकार ने अभी तक फेस 3 की कार्य योजना भी तैयार नहीं की है। जिसके चलते कई तरह की समस्या खड़ी हो रही हैं। इसके साथ ही देवनानी ने असमान जल वितरण को लेकर भी विभाग पर निशाना साधा और कहा कि कुछ इलाकों में नियमित सप्लाई हो रही है जबकि कई इलाके ऐसे हैं जहां पर सप्लाई का समय निश्चित नहीं है। ऐसे में उन्होंने बल्क मीटर लगाने की मांग की जिससे पेयजल वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जा सके। साथ ही देवनानी ने आरोप लगाया कि विभाग की ओर से पानी की टंकियां भी पूरी नहीं भरी जा रही है जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इस हेतु पार्टी व जनता द्वारा लगातार किय जा रहे आन्दोलनों से भी प्रशासन व सरकार के कानों तक जूं तक नही रेंग रही है। अब जनता के पास इसके अलावा कोई चारा नही बचा कि इस सरकार को बिदा करें
शहर जिलाध्यक्ष रमेश सोनी ने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग स्टॉफ की लम्बी हड़ताल से चिकित्सा सेवाऐं चरमरा गयी है व कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है। रोजाना चोरियां व ताले टूट रहे है एवं महिलाओं से छेड़छाड़ व बालात्कार जैसी घटनाऐं आम हो गयी है।

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