*जप तप के साथ चल रही पर्युषण पर्व आराधना*

*अगर जीव अपने ऊपर आने वाले कष्टों को समभाव से भोगता है तो कर्मों को खपा लेता है – साध्वी धैर्यप्रभा*
*तप त्याग के साथ आचार्य शुभचन्द जी म.सा. का पांचवां पुण्य स्मरण दिवस मनाया*

ब्यावर। बिरद भवन में चल रहे पर्युषण पर्व आराधना प्रवचन के तहत साध्वी धैर्यप्रभा ने उपस्थित धर्मसभा को प्रवचन में फरमाया की धार्मिक प्रभा जी के मुखारविंद से चल रही अंतगढ़ सूत्र वाचना में भव्य आत्माओं के धर्म आराधना से अपने जीवन को उज्ज्वल बना कर मोक्ष पाने का वृतांत चल रहे है। अर्जुनमाली के जीवन हमें बताता है कि जीवन में जब हम हमारे बांधे हुए कर्मों को समभाव के साथ भोगते है तो जीव मोक्ष को प्राप्त करता हैं। महासती धृतिप्रभा एवं धीरप्रभा ने अपनी सुमधुर वाणी से “बुरा समय क्या क्या दिखाता है, जीवन कहा कहा ले जाता है” गाकर पूरी धर्मसभा को मंत्रमुग्ध कर दिया।

दोपहर में गांधी आराधना भवन में चल रहे कल्प सूत्र वाचन में भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक मनाया गया। जिसमें महिला मंडल एवं बहु मण्डल की सदस्याओं द्वारा गीतिका के साथ 14 महास्वप्न का चित्रण किया गया। जन्मकल्याणक का व्रतांत सुनकर उपस्थित सभी श्रावक श्राविकाओं ने अपने आप को धन्य माना।

जयगच्छीय आचार्य गुरुदेव शुभचन्द जी म. सा. के पांचवें पुण्य स्मरण दिवस के उपलक्ष्य में महासती धैर्यप्रभा जी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर धर्माराधना करने एवं जयमल जैन श्रावकसंघ मंत्री दुलीचन्द मकाना ने गीत के साथ गुरुदेव की जीवनी बताई। महासती धैर्यप्रभा आदि ठाणा की प्रेरणा से पांच सामयिक एवं श्रुताचार्य चौथ स्मृति भवन में दोपहर में नवकार मन्त्र का जाप हुआ। रविवार को मसूदा रोड़ स्थित गौशाला में गायों को चारा एवं गुड़ खिलाया जाएगा।

महासती के चातुर्मास में अनेकों छोटी बड़ी तपस्याएं गतिमान हैं। अशोक रेदासनी के 35 उपवास, पूर्णिमा लोढ़ा के 29 उपवास की तपस्या गतिमान हैं। गौतम श्रीश्रीमाल, खुशी छल्लानी, प्रीती ओस्तवाल, जुली नाहटा के भी 30 उपवास (मासखमन) की तपस्याएं हो चुकी हैं। गाँधी आराधना भवन में 24 घण्टे का नवकार मन्त्र का जाप गतिमान हैं।

*देवराज लोढ़ा – अध्यक्ष*
*हेमंत बाबेल – मंत्री*
*रूपेश कोठारी – मीडिया प्रभारी*
*श्री जैन दिवाकर संघ*

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