व्यावसायिक शिक्षा बिना शिक्षकों के अधरझूल में

विधार्थियो में कौशल व हुनर का विकास कर आत्मनिर्भर बनाने वाली रोजगारमुंखी शिक्षा बिना शिक्षकों के अधरझूल में चल रही है।
एक तरफ जहाँ स्वास्थ्य व देखभाल और सिक्योरिटी विषयों की पाठ्यक्रम पढ़ाये बिना परीक्षा हो रही है वहीं कार्यरत शिक्षको को कई माह से भुगतान नहीं दिया जा रहा है।
शोषित ट्रेनरो ने कई बार शिक्षकों व व मानदेय को लेकर उच्च अधिकारीयों को अवगत करवा चुके है परन्तु स्थिति जस की तस है।
विधार्थियो का पाठ्यक्रम व प्रायोगिक कार्य सहित शीतकालीन इंटर्नशिप ओजीटी औधोगिक भ्रमण एक्सपोजर केम्प का भार छात्र व कौशल मित्र सहित प्रधानाचार्य पर आ जाने से वह भ्रम की स्थिति में है।व्यावसायिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यो ने विभाग को पत्र लिख समस्या के बारे में अवगत कराते आये है।
अब नई सरकार में व्यावसायिक शिक्षा व शिक्षकों का भला होने की संभावना है परन्तु वर्तमान सत्र के लिए जिम्मेदारी लेने हेतु शिक्षा विभाग को आगे आना होना।

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