अंगदान जीवनदान महाभियान

श्री वर्द्धमान शिक्षण समिति द्वारा संचालित श्री वर्द्धमान कन्या पी.जी. महाविद्यालय के कौशल विकास विभाग के तत्वावधान में अंगदान कर दूसरों को जीवनदान देने के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से ‘‘अंगदान जीवनदान महाभियान’’ के तहत छात्राओं को अंगदान की प्रतिज्ञा दिलवाई गई । महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ. आर. सी. लोढ़ा ने बताया कि राजस्थान में जितनी अंगदान की जरूरत है, उतना हो नहीं रहा है। इस मामले में राजस्थान राष्ट्रीय औसत की तुलना में कम है। इसके साथ ही मेडिकल काॅलेजों में अंग प्रत्यारोपण यूनिट भी स्थापित किये जा रहे है। इससे ना सिर्फ प्रत्यारोपण सहज होगा बल्कि प्रदेश की जनता को भी काफी फायदा होगा क्योेंकि जिन लोगों को अंगों की आवश्यकता है उन्हें अंग उपलब्ध हो सकेंगें।वर्द्धमान ंिशक्षण समिति मंत्री डाॅ नरेन्द्र पारख ने अंगदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अंगदान को भारतीय परंपरा की देन बताते हुए इस संदर्भ में भगवान श्री गणेश जी और हाथी के सिर के प्रत्यारोपण का प्रसंग उद्वत किया। उन्होनें बताया कि ऋषि दधीचि ने दुनिया के कल्याण के लिए खुद अपनी अस्थियां दान कर दी थी । डाॅ. पारख ने कहा कि इस पुनीत कार्य को प्राथमिकता पर लें और इस अभियान को सफल बनाये ।
महाविद्यालय अकादमिक प्रभारी डाॅ. नीलम लोढ़ा ने अंगदान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मानव शरीर में आंखें, काॅर्निया, लीवर, बोन, स्किन इत्यादि लगभग 12 से अधिक उपयोगी अंग है। उन्होनें बताया कि मृत शरीर के उपयोगी अंगों और टिश्यूस निकालने के बाद शरीर को सही रूप में परिजनों को वापस दे दिया जाता है ताकि वे अपनी मान्यता अनुसार अंतिम संस्कार कर सकें। अंगदान कार्यक्रम अनेक देशों में चल रहे है। हमारे देश में आज भी अधिकतर लोग ऐसा करने में हिचकते है। लोग भावनात्मक कारणों एवं कई धार्मिक मान्यताओं के चलते भी अंगदान में हिचक महसूस करते है। इस दौरान व्याख्याता श्री गिरीश बैरवा ने बताया कि अंगदान के संकल्प से ही हम जरूरतमंद व्यक्ति को नवजीवन दे सकते है। अंगदान करने वाला व्यक्ति आॅर्गन के जरिए 8 लोगों का जीवन बचा सकता है। फैशन डिजाईनिंग व्याख्याता श्रीमती छवि गरवाल ने कहा कि अंगदान सभी दानों में श्रेष्ठ है, इसलिए इसे महादान कहते है। उन्होनें उपस्थित सभी से इस मुहिम को आगे बढ़ाने में सहयोग करने का आग्रह किया। कार्यक्रम के दौरान श्रीमती शबाना शेख, श्रीमती सुमन अग्रवाल, सुश्री प्रियंका मंगरोला सहित समस्त संकाय सदस्य एवं छात्राएं मौजूद रहे।

प्राचार्य
डाॅ. आर. सी. लोढ़ा
श्री वर्द्धमान पी. जी. कन्या महाविद्यालय, ब्यावर

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