आचार्य सुनील सागर जी महाराज की परम शिष्य मुनि श्री 108 प्रतिष्ठित सागर जी महाराज की समाधि आज मध्यान 11:15 बजे छोटे धडे की नसिया में हो गई विदित है कि मुनिश्री की सल्लेखना पिछले डेढ़ माह की अधिक समय से चल रही थी आचार्य सुनील सागर जी महाराज के परम शिष्य मुनिश्री सम प्रतिष्ठित सागर जी महाराज ने अन्न जल सबका त्याग कर दिया था णमोकार महामंत्र का जाप करते हुए आज समाधि पूर्ण हुई समाधि के पश्चात डोल यात्रा से पूर्व आचार्य सुनील सागर जी महाराज ने संपूर्ण जीवन वृतांत को समझाया की किस तरह समाधि हुई डोल यात्रा के चार कंधों पर अजय दोषी रितेश जैन सुनील गंगवाल पारस जैन मैं अपना योगदान दिया घी लेपन की बोली श्री पारस रितेश कुमार जैन परिवार को प्राप्त हुई अग्नि संस्कार की बोली कुंती लाल बजेरिया परिवार के सभी परिवार जनों को प्राप्त हुई अंत्येष्टि स्थल पर चार कलश अर्पित किए गए जिसमें कमल गंगवाल पंकज गंगवाल लोकेंद्र पांडे रितेश जैन महावीर चंद लोहारिया परिवार को सौभाग्य प्राप्त हुआ
श्री दिगंबर जैन मुनि संघ सेवा जागृति मंच के प्रवक्ता संदीप बोहरा ने बताया कि डोल यात्रा छोटे-बड़े की नसिया से प्रारंभ हुई और विद्यासागर तपोवन पहुंची जगह-जगह जयकारा नारे लगाए गए हवा में गुलाल फेंकी गई और मुनि श्री के जयकारे से शोभायात्रा गूंज उठी प्रदीप पाटनी सुकांत ब्रह्मचारी मनीष अनिल गदिया दिनेश पाटनी मनीष सेठी सुनील होकर सुनील पालीवाल कोशिनौक जैन पुखराज पहाड़िया मनीष अजमेरा आदि उपस्थित थे
7 मइ को प्रातः काल बड़े-बड़े की नथिया में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई है जिसमें सभी समाज बंधु उपस्थित होंगे