वितरण अव्यवस्था जल समस्या का मूल कारण

दीर्घकालीन योजना में चंबल व इन्द्रिरा गांधी नहर पर भी हो विचार
विजन अजमेर द्वारा आयोजित पेयजल समस्या व समाधान पर परिचर्चा सम्पन्न

अजमेर 07 जुलाई। विजन अजमेर संस्था द्वारा पेयजल की समस्या व समाधान पर परिचर्चा रसोई बैंक्वेट हॉल, स्वामी कॉम्पलेेक्स पर आयोजित की गई। जिसमें आमजन व संस्था प्रमुखों ने पानी की समस्या पर अपने विचार रखें। विशेषज्ञों द्वारा अल्पकालीन व दीर्घकालीन सुझाव दिये गये, जिसका विजन डॉक्यूमेन्ट बनाकर संबंधित विभाग व मुख्यमंत्री तक प्रस्तुत किया जायेगा।
पीएचईडी से सेवानिवृत्त सुपरिटेन्डेंट इंजीनियर हेमन्त रावत ने आजादी के पूर्व से लेकर अब तक अजमेर में जल वितरण व्यवस्था की चरणबद्ध जानकारी दी। अजमेर में वर्तमान में चल रही योजना का खुलासा किया। उन्होनंे बताया कि अजमेर को तरकीबन 125 एमएलडी पानी जरूरत है, जो कि बीसलपुर परियोजना से सहज उपलब्ध है, मगर वितरण व्यवस्था में अनेक खामियों के कारण जल समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। इसके लिए व्यापक अध्ययन कर योजना बनाने की आवश्यकता है।
पूर्व जिला प्रमुख सत्य किशोर सक्सेना ने स्पष्ट रूप से कहा कि बीसलपुर परियोजना केवल अजमेर के लिए नहीं बनी थी, बावजूद इसके अजमेर को जितने पानी की आवश्यकता है, उतना मिल रहा है। लेकिन पुरानी पाईप लाईन, लीकेज, स्टोरेज और भौगोलिक स्थिति के अनुरूप वितरण की व्यवस्था में अनेक खामियां है, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है।
शहर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता ने कहा कि पानी हर अजमेरवासी की समस्या है, जिस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। बीसलपुर पानी के ओवरफ्लो होने पर पानी को बीर तलाब व अन्य बावड़ियों मंे डाला जा सकता है।
पूर्व प्रशासनिक अधिकारी प्रभु सिंह चौहान ने कहा कि नदियांे के पानी का भी अजमेर की जल व्यवस्था में उपयोग किया जा सकता है। समुद्र तल के मापदंड का भी ध्यान रख कर बिजली की बचत की जा सकती है। बीसलपुर में पानी की आवक के लिए विभिन्न जल स्त्रोत के माध्यमों के बारें में जानकारी दी।
बार ऐसोसिएशन के अध्यक्ष चन्द्रभान सिंह राठौड़ ने कहा कि जब जोधपुर में चरमराई जल व्यवस्था को सुधारा जा सकता है तो अजमेर में भी उसी तर्ज पर व्यवस्था सुधारनी होगी।
पूर्व बैक अधिकारी वेद माथुर ने कहा कि अजमेर में दीर्घकालीन योजना के लिए बीसलपुर से एक और पाईप लाईन व संग्रहण के लिए पर्याप्त टंकियांे का निर्माण किया जाए।
चितंक व वरिष्ठ पत्रकार गिरधर तेजवानी ने विजन अजमेर के उद्देश्य व कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर में ऐसा गैर राजनीतिक मंच बनाया गया है, जो आम जन और शासन -प्रशासन के बीच सेतु का काम करेगा। जिले की विभिन्न ज्वलन्त समस्याओं की ग्राउण्ड रिपोर्ट बनाकर उसके समाधान से संबंधित प्रोजेक्ट सरकार की सौपें जाएंगे। पानी के लिए बीसलपुर परियोजना के अतिरिक्त चंबल परियोजना, इन्द्रिरा गांधी नहर परियोजना पर विचार करना आवश्यक है।
अधिवक्ता डॉ. योगेन्द्र ओझा ने कहा कि बीसलपुर की पाईप लाईन का टूटना, रखरखाव व स्टोरज् की कमी मुख्य कारण है।
सेवानिवृत्त मुख्य प्रारूपकार जल संसाधन विभाग बलवीर सिंह शेखावत ने कहा कि बीसलपुर बांध एक बरसाती डैम है, जबकि इसमे चम्बल की परियोजना से भी पानी लाने पर भी विचार करना चाहिए।
समन्वयक कंवल प्रकाश किशनानी ने बताया कि आज इस बैठक में 11 सदस्यों की एक कमेठी का गठन किया गया जो कि पानी की समस्या व समाधान पर विजन डोक्यूमंेट तैयार कर मुख्यमंत्री व सम्बधित विभाग को भेजेगी, जिससे अजमेर में पानी की समस्या का समाधान हो सके। अजमेर की समस्याओं को दूर करने के लिए खेल, पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, रेल्वे, बस, उद्योग, सांस्कृतिक, पर्यटन, नगरीय विकास, जैसे प्रोजेक्ट को हाथ में लेकर चेयरमैन व कमेटियां बनाई जाएंगी व प्रशासनिक पत्राचार गतिविधियां प्रचार-प्रसार सोशल मिडिया, समस्या एकत्रिकरण व निस्तारण करने पर कार्य करें। मंच संचालन माधवी स्टीफन ने किया।
उपस्थित सभी प्रबुद्धजन ने लिखित में अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए। बैठक में विनीत कुमार लोहिया, डॉ. सुरेश गर्ग, अशोक रंगवानी, चन्द्र बालानी, कमल किशोर गर्ग, अतुल पाटनी, जीडी वंृदानी, रिखब सुराणा, रास बिहारी गौड़, शेलेन्द्र सिंह परमार, दुर्गा प्रसाद शर्मा, राजेन्द्र वर्मा, अक्षय कुमार गौरा, राजनारायण आसोपा, लता लख्यानी, अरूणा गुप्ता, डॉ. भरत छबलानी, रमेश टिलवानी, गणेश चन्द्र चौहान, हरकिशन टेकचन्दानी, सुरेश तम्बोली, जयेश कुमार गांधी, पुरूषोत्तम तेजवानी, देवीलाल सोनी, अमर सिंह राठौड़, अरशद अंशारी, अमर सिंह राठौड़, रविन्द्र जसोरिया आदि मौजूद रहे।

कंवल प्रकाश किशनानी
समन्वयक 9829070059

error: Content is protected !!