*जब तक आत्मा के अंदर परिवर्तन नहीं आएगा धर्मात्मा नहीं बन पाएंगे*
*शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ पार्क में वर्षायोग प्रवचन*
भीलवाड़ा, 9 अगस्त। भगवान बनने की राह में कषाय सबसे बड़ी बाधा है। कषायों को छोड़ने का पुरूषार्थ करेंगे तो भगवान बन जाएंगे। क्रोध, मान, माया, लोभ आदि कषायों को छोड़ अपना गुणस्थान बढ़ाना होगा। अपरिग्रह की पालना करते हुए ज्यादा वस्तुओं का संग्रह नहीं करना चाहिए। ये विचार शहर के शास्त्रीनगर हाउसिंग बोर्ड स्थित सुपार्श्वनाथ पार्क में श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के तत्वावधान में चातुर्मासिक(वर्षायोग) प्रवचन के तहत शुक्रवार को राष्ट्रीय संत दिगम्बर जैन आचार्य पूज्य सुंदरसागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अनादिकाल से जो हम धर्म से जोड़ रहा है वह आदिवासी है। आदि को मानने वाला अनादिकाल से धर्म को मानता है ओर अपने ज्ञान दर्शन में ही रहता है। जीवन में मुक्ति पानी है तो कसाई नहीं बनकर कषाय जीतने वाला बनना होगा। कषाय नहीं छोड़ पाए तो इस संसार सागर में ही तैरना पड़ेगा। आचार्यश्री ने कहा कि राजनीति करने वाले मायाचारी नहीं करके जनता की सेवा करे तो ही वह जनसेवक है। उन्होेंने कहा कि भगवान महावीर की वाणी आत्मा को परमात्मा बनने की प्यास जगती है। इसे धर्म कहते है ओर इसकी पालना करने वाला धर्मात्मा कहलाता है। जीयो ओर जीने दो सुनने के बाद जब तक आत्मा के अंदर परिवर्तन नहीं आएगा तब तक धर्मात्मा नहीं बन पाएंगे। धर्मात्मा मर्यादा में जीने वाला होने के साथ जिनशासन से जोड़ने का कार्य करता है। अपने को धर्म से जोड़ना है तो भगवान महावीर को अपनी आत्मा में विराजमान करो। इससे पूर्व प्रवचन में मुनि शुभमसागर महाराज ने कहा कि हमने पर के लिए जोड़ना सीख है पर अपनी आत्मा के बारे में भूल रहे है। संसार के लिए जोड़ने से काम नहीं चलेगा अपनी आत्मा के लिए धर्म को जोड़ लिया तो जीवन सुधर जाएगा। हम लोगों के लिए नहीं बने समाज के लिए कार्य करे। धर्म का मार्ग निर्माण के लिए नहीं बल्कि निर्वाण के लिए है। स्व के लिए छोड़ना सीखो। जिन वस्तुओं से कषाय पैदा होते है उनसे दूर रहो। जीवन का कल्याण करना है तो खुद को कषायों से मुक्त रखना होगा। कषाय हमारी मुक्ति के मार्ग में बाधक है। सांयकालीन धर्म कक्षा में आर्यिका सुलक्ष्यमति माताजी ने बताया कि मायाचारी करने से तिर्यंच आयुबंध होता है। मिथ्याचारी को मनुष्य आयु बंध होगा। त्यागी को देव आयु का बंध होगा। जीवात्मा के कल्याण के लिए सम्यक दृष्टि बनने का लक्ष्य बनाओ। श्री महावीर दिगम्बर जैन सेवा समिति के अध्यक्ष राकेश पाटनी ने बताया कि भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशान्त मेवाड़ा ने सुपार्श्वनाथ भगवान के दर्शन कर धर्मसभा में राष्ट्रीय संत आचार्य सुंदरसागरजी महाराज ससंघ को श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने भव्य चातुर्मास आयोजन पर श्री महावीर दिगम्बर जैन समाज सेवा समिति को शुभकामनाएं दी। उनका समिति की ओर से अभिनंदन किया गया। सभा के शुरू में श्रावकों द्वारा मंगलाचरण,दीप प्रज्वलन,पूज्य आचार्य गुरूवर का पाद प्रक्षालन कर उन्हें शास्त्र भेंट व अर्ध समपर्ण किया गया। संचालन पदमचंद काला ने किया। महावीर सेवा समिति द्वारा बाहर से पधारे अतिथियों का स्वागत किया गया। मीडिया प्रभारी भागचंद पाटनी ने बताया कि पूज्य आचार्य सुंदरसागरजी महाराज ससंघ के सानिध्य में 11 अगस्त को मोक्ष सप्तमी महोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर जिनशासन भक्ति से ओतप्रोत विभिन्न कार्यक्रम होंगे। वर्षायोग के नियमित कार्यक्रम श्रृंखला के तहत प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे भगवान का अभिषेक शांतिधारा, सुबह 8.15 बजे दैनिक प्रवचन, सुबह 10 बजे आहार चर्या, दोपहर 3 बजे शास्त्र स्वाध्याय चर्चा, शाम 6.30 बजे शंका समाधान सत्र के बाद गुरू भक्ति एवं आरती का आयोजन हो रहा है।
*भागचंद पाटनी*
मीडिया प्रभारी
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