उदय को यह ख्याल कल घर पर छुट्टी आते वक्त आया कि मुझको भी अपनी धर्म पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत, उपवास रखना चाहिए जो हर साल मेरे लिए भूखी-प्यासी रहकर ईश्वर से हमारी दीर्घायु एवं निरोगी रहने की मंगल कामना करती है इसलिए पहली बार उदय ने अपनी पत्नी की लम्बी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखा।
इस रोज दोनों ने अन्न-जल ग्रहण नही किया पूरी श्रद्धा, भक्ति, विधि एवम् परम्परानुसार व्रत का पालन कर चौथ माता की कथा, कहानी सुनकर रात्रि को चन्द्र दर्शन के पश्चात व्रत को तोड़ा और करवे से एक-दूसरे ने जल ग्रहण किया। कहते है करवा चौथ का व्रत पति के स्वस्थ स्वास्थ्य, लम्बी आयु, सुरक्षा और घर-परिवार में सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है जो हर वर्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है इस व्रत को मुख्यतः सुहागिन औरते करती है।
इसके पीछे पुराने समय की कई कथाएं, कहानियां जुड़ी हुई है करवाचौथ के व्रत को मुख्यतः हिंदू धर्म में शादीशुदा महिलाएं करती है जिसको महत्वपूर्ण व्रतो में शामिल किया गया है यह भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है जो पति-पत्नी के बीच स्नेह को बढ़ता है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल में अपनी सेवाओं के दौरान सेवाएं देते हुए यह पहला अवसर है जब दोनों ने एक साथ रहकर यह व्रत पूर्ण किया।
सैनिक कवि
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
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