हार्ट अटैक से एक और होनहार की मौत, नहीं रहे कमल चचलानी

कोरोना काल के बाद ब्यावर शहर चर्चित होनहारों को खो रहा है. समता जड़िया, दीप्ति माहेश्वरी, श्रवण जैन, रामनिवास प्रजापति, अनूप आर्य, गौरव कुमावत, कमल मारोठिया, अभिलाषा मूंदड़ा समेत कई लोगों का एक के बाद एक असामयिक निधन हुआ है. इनमें से अधिकांश की मृत्यु हृदयाघात से हुई, यह बेहद चिंताजनक है. हार्ट अटैक आने की बीमारी तो अब युवा जिंदगियां तबाह करने लगी है. कुछ मौत के समाचार सुनकर तो हमें भी आघात होता है. अगर कोई चलता-फिरता चर्चित व्यक्ति अचानक चला जाए तो हैरानी होना स्वाभाविक है. ऐसी ही हैरान करने वाली सूचना बीती रात एक बजे आई.
व्हाट्सएप पर किशनचंद लालवानी का मैसेज आया कि कमल चचलानी नहीं रहे. साथ में फोटो भी था, जिसे देखते ही मन विचलित सा हो गया. कमल चचलानी के एक हाथ में ज्योत और दूसरे हाथ में धार्मिक ध्वज था. सदैव झूलेलाल सांई की सेवा में रहने वाले कमल ने एक फूल की भांति सिंधी समाज की महक चहुंओर फैलाई और सिंधियत का झंडा बुलंद किया. चेहरे पर मंद मुस्कान रखते हुए प्रेमप्रकाश आश्रम और झूलेलाल मंदिर के साथ सिंधी समाज के हर कार्यक्रम में हमेशा आगे रहे. निधन की वजह पूछने पर पता लगा कि हार्ट अटैक आया. उनके देहावसान से समाज को बड़ी क्षति हुई है. समाज के बीच सक्रिय शख्सियत का यूं जाना निसन्देह अपूरणीय क्षति है. कामना है कि झूलेलाल सांई आत्मा को मोक्ष और उनके परिवार को यह सदमा सहन करने की शक्ति प्रदान करें.
कार्डियक अरेस्ट के इस तरह बढ़ते मामले चिंता का विषय है. स्वस्थ रहने के लिए मानसिक तनाव रहित रहने के साथ ही शुद्ध खानपान जरूरी है. बाजार में बिकती बहुत सी मिलावटी वस्तुएं सेहत बिगाड़ रही है. कोरोना के कारण अधिकांश लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले ही कमजोर है. ऐसे में खुद को निरोगी और चुस्त-दुरुस्त रखना चुनौतीपूर्ण है. हर हाल में हंसते-मुस्कुराते हुए स्वस्थ और सुरक्षित रहें.
✍🏻 सुमित सारस्वत

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