रेलवे की आय हुई और सुरक्षित

उत्तर पश्चिम रेलवे ने अपनी आय को सुरक्षित करने के लिए एक और कदम बढ़ाया है। महाप्रबंधक उत्तर पश्चिम रेलवे श्री अमिताभ के मार्गदर्शन और प्रमुख वित्त सलाहकार उत्तर पश्चिम रेलवे गीतिका पांडेय के दिशा निर्देशों के अंतर्गत उत्तर पश्चिम रेलवे की पहली ई-टीआर अजमेर मंडल के नसीराबाद स्टेशन से जारी की गई है ।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे पूरे देश का पांचवा जोन है जहां यह व्यवस्था शुरू की गई है। उत्तर पश्चिम रेलवे से  पूर्व यह व्यवस्था उत्तर पूर्व रेलवे, मध्य रेलवे, पूर्व सीमांत रेलवे और दक्षिण पश्चिम रेलवे में शुरू की गई है l नसीराबाद के तुरंत बाद अब उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी स्टेशनों पर यह व्यवस्था शुरू कर दी गई है। शीघ्र ही संपूर्ण भारतीय रेलवे में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। भविष्य में यूटीएस को बैंक सॉफ्टवेयर और ऑटो रिकंसिलियेशन से जोड़ने की योजना है जिससे राशि या रसीद जमा की सूचना मैसेज के रूप में भी प्राप्त होने लगेगी।
स्टेशनों पर विभिन्न मदों से जो रेल राजस्व एकत्रित होता है उसे बैंक में जमा करने की रसीद होती है जिसे ट्रेज़री रेमिटांस नोट (टी आर नोट ) कहा जाता है । टीआर नोट हाथ से बनाया जाता था जिसमें काट-छांट व हेराफेरी की संभावना रहती थी लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ई- टीआर बनने से यह संभावना नहीं रहेगी।
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