श्री 1008 श्रीमज्जिनेन्द्र आदिनाथ जिनविम्ब पंचकलयाणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव हेतु सौभाग्यषाली पात्र चयन समारोह शनिवार व रविवार को

आज दिनांक 14 फरवरी – राजस्थान की ऐतिहासिक धर्मप्ररायण नगरी अजमेर मदार रोड स्थित जेन नगर के नवनिर्मित श्री जिनषासन तीर्थ क्षेत्र जैन नगर नाका मदार अजमेर में श्री 1008 श्रीमज्जिनेन्द्र आदिनाथ जिनविम्ब पंचकलयाणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव हेतु सौभाग्यषाली पात्र चयन समारोह एवं द्विदिवसीय श्री जिनेन्द्र महार्चना का कार्यक्रम दिनांक 15 व 16 फरवरी शनिवार व रविवार को श्री जिनषासन तीर्थक्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए मंत्री विनित कुमार जैन ने बताया कि श्री 1008 श्रीमज्जिनेन्द्र आदिनाथ जिनविम्ब पंचकलयाणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव हेतु सौभाग्यषाली पात्र चयन समारोह एवं द्विदिवसीय श्री जिनेन्द्र महार्चना के मांगलिक कार्यक्रम में प्रातः 6ः00 बजे अभिषेक, शांतिधारा, प्रातः 7ः00 बजे नित्य नियम, पूजन एवं विधान प्रारम्भ व प्रातः 9ः00 बजे उपाध्याय श्री के मंगल प्रवचन श्री जिनषासन तीर्थ क्षेत्र पर आयोजित किये जायेगे। सौभाग्यषाली पात्र में माता-पिता, सौधर्म इन्द्र, महायज्ञनायक, यज्ञनायक, कुबेर इन्द्र, ईषान इन्द्र, सनत कुमार, मार्हेद्र इन्द्र, ब्रहा्र इन्द्र, ब्रहा्रेतर इन्द्र, लांतव इन्द्र, कापिष्ठ इन्द्र, शुक्र इन्द्र, महाषुक्र इन्द्र, शतार इन्द्र, सहस्त्रार इन्द्र, आनत इन्द्र, प्राणत इन्द्र, आरण इन्द्र, अच्युत इन्द्र, लौकांतिक देव, अष्टकुमारी, महामंडलेष्वर, राजा सोम, राजा श्रेयांस, चक्रवर्ती भरत, बाहुबली, आदिकुमार बालक, अखंड, सौभाग्यवती, नीजांजना आदि पात्र का चयन किया जायेगा।
विनित कुमार जैन ने बताया कि राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित अजमेर नगर का अनुपम, अलौकिक दिगम्बर जैन तीर्थ जिनषासन तीर्थक्षेत्र जैन नगर नाकामदार अजमेर में है। तीर्थक्षेत्र पर विष्व की अनुपम कृति व विष्व कीर्तिमान अलौकिक, असाधारण 54 फुट उतंग खडगासन 16वें तीर्थंकर भगवान श्री शांतिनाथ स्वामी की कमलासन पर विषाल जिनबिम्ब, जिसका निर्माण 11 जुलाई 2018 से एकल 80 फुट पाषाण को क्षेत्र पर लाकर खड़ा करने के बाद जिन प्रतिमा का निर्माण कर नयानाभिराम रूप  प्रदान किया गया साथ ही 54 फुट उतंग जिनप्रतिमा जिनालय के उपर नक्काषी व सुन्दर कलाकृति से सुसज्जित संगमरमर का भव्य षिखर वेदी का निर्माण अति मनमोहक है।  संगमरमंर की भव्य वेदिका में वर्तमान में 24 तीर्थंकर श्री आदिनाथ से महावीर तक सवा ग्यारह फुट कमलासन पर विराजमान पाषाण की पद्मासन मनोज्ञ प्रतिमा, 24 रजतमयी (चॉंदी), 24 तामग्र प्रतिमा व दिस्य समवसरण, 1008 प्रतिमा से सुषोभित सहस्कूट जिनालय पाषाण से परमात्मा की दिव्य यात्रा हेतु प्रतिक्षारत है।
क्षेत्र में वर्तमान में लाल मंदिर के नाम से विख्यात भगवान श्री शांतिनाथ, श्री चंदप्रभु, श्री पार्ष्वनाथ स्वामी की स्फटिक मणी से निर्मित मनभावक, मनाहारी व अतिषयकारी प्रतिमा विराजमान है जिनका प्रतिदिन सैकड़ो श्रावक श्रेष्ठी जिनाभिषेक एवं शांतिधारा जन्म-जन्मान्तर के पापों से निवृत्ति पाते है।  भव्य लाल मंदिर का षिलान्यास 31 अक्टूबर 2014 में हुआ व भव्य वेदी प्रतिष्ठा 13 नवम्बर 2014 में निर्माण कार्य परम पूज्य आचार्य श्री 108 वसंुनंदीजी महाराज की प्रेरणा व सानिध्य में हुआ। सम्पूर्ण भारतवर्ष में अपनी अलग पहचान रखने वाले जैसवाल जैन समाज के गौरव को जीवन्तता प्रदान करने वाले श्री जिनषासन तीर्थक्षेत्र अजमेर का पंचकल्याणक महोत्सव पावन मंगलमय शुभ घड़ी दिनांक 20 अपै्रल 2025 से 25 अपै्रल 2025 जब आचार्य श्री वसुनन्दीजी महाराज चतुर्विघ संघ के पावन सानिध्य में पाषाण से परमात्मा की दिव्य यात्रा का सम्पूर्ण भारतवर्ष साक्षी बनेगा जो अजमेर नगर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाने वाला एक अध्याय होगा।
भवदीय
(विनीत कुमार जैन)
मंत्री 
मो. 9414281335

Leave a Comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

error: Content is protected !!