वरुण सागर में लगेगी भगवान झूलेलाल की मूर्ति एवं बनेगा घाट- देवनानी

फॉयसागर का नाम बदलकर वरूण सागर करने पर सिंधी समाज व संगठनों ने किया विधानसभा अध्यक्ष का सम्मान

अजमेर 16 फरवरी। अजमेर में अंग्रेजी गुलामी की मानसिकता के प्रतीक फॉयसागर झील का नाम बदलकर वरूण सागर करने पर सिंधी समाज, अन्य समुदायों एवं दर्जनों संगठनों ने रविवार शाम वरूण सागर झील पर विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने सम्मान किया। इस अवसर पर श्री देवनानी ने घोषणा की कि वरूण सागर झील में जन आराध्य भगवान झूलेलाल की मूर्ति एवं आमजन व सिंधी समाज की पूजा अर्चना के लिए घाट का निर्माण करवाया जाएगा। बड़ी संख्या में संतों एवं सिंधी समाज से जुड़ी संस्थाओं ने समारोह में भाग लिया। विश्व के अनेक हिस्सों से सिंधी समाज के लोगों व संगठनों ने भी बधाई प्रेषित की ।

वरूण सागर झील पर रविवार शाम सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि वरुणसागर में भगवान झूलेलाल की एक भव्य एवं विशालकाय मूर्ति स्थापित की जाएगी। साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए घाट का निर्माण भी करवाया जाएगा। सिंधी समाज द्वारा अपनी धार्मिक परंपराओं के तहत चालिहो उत्सव की प्रथा को और अधिक सुगम बनाने के लिए यह घाट सहायक सिद्ध होंगे। चेटीचंड तक घाट का निर्माण कर समाज को समर्पित कर दिया जाएगा। सिंधी समाज सिंध से विभाजन का दंश सहकर विस्थापित हुए। वरुण सागर समाज को एक नई पहचान देगा ।

श्री देवनानी ने कहा कि फॉयसागर को गुलामी के प्रतीक से मुक्त कर वरुणसागर नाम देना एक ऎतिहासिक निर्णय है। यह संतो के आशीर्वाद से सनातन धर्म की विजय है ।इससे समाज को अपनी आस्था और परंपराओं को संरक्षित करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि भगवान झूलेलाल केवल सिंधी समाज के ही नहीं बल्कि सभी समुदायों के आराध्य हैं और उनकी मूर्ति स्थापित होने से सांस्कृतिक विरासत को और अधिक सशक्त किया जाएगा।  यह निर्णय न केवल धार्मिक आस्था को सशक्त करेगा बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। स्मार्ट सिटी अजमेर को पर्यटन का केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अन्य प्रयास भी किया जा रहे हैं इसमें अजमेर  के प्रवेश द्वार का  निर्माण कार्य सहित अन्य पहल शुरू की गई है। सबके सहयोग से श्रेष्ठ अजमेर का निर्माण किया जाएगा ।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी अजमेर में 2 करोड़ रूपए की लागत से महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में सिन्धु शोध पीठ स्थापित की गई है। इसी तरह शिक्षा मंत्री के रूप में शहीद हेमू कालानी, दाहर सेन, संत कंवर राम, संत टेऊ राम व संत भगवान चन्द्र के पाठ पाठ्यक्रम में शामिल किए गए।

ईसर मनोहर उदासीन आश्रम से सर्व श्री साई स्वरूप दास जी, साई बाबा मंदिर से श्री महेश तेजवानी,  गोविंद धाम दरबार से सांई ईसर दास, निर्मल धाम से सांई आत्मप्रकाश, झूलेलाल धाम से  प्रभु लौंगानी,  प्रेम प्रकाश आश्रम आदर्श नगर से दादा नारायण दास जी,  प्रेम प्रकाश आश्रम वैशाली नगर से सांई  राम प्रकाश, जतोई दरबार नगीना बाग से फ़तन दास जी सहित अन्य संतों ने आशीर्वचन दिए। इस अवसर पर अजमेर निगम की महापौर श्रीमती बृजलता हाडा भी उपस्थित थी। मंच संचालन घनश्याम भगत द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज एवं विभिन्न संगठनों में बेबू भाई सूर्यवंशी, राजू टीलवानी डिफेंस कॉलोनी निवासी, हरीश अडवाणी एवं सिंधु धारा संगीत समिति, पिपलेश्वर महादेव मोती कटला से वीरेंद्र लालवानी दिलीप सामनानी, जन सेवा समिति, वंदन मंगलानी, कमलेश बलवानी, नवाब का बेड़ा व्यापार संगठन, मुकेश आहुजा, राधाकृष्ण आहूजा, मनोज मेघानी, कमल मोतियानी, चंद्र  केसवानी, अशोक गोरानी, जगदीश अभीवंदानी, लाला नथानी,  मनोज बम्बानी, किशोर मंगलानी, नरेन साहनी, साइन बाबा मंदिर से महेश तेजवानी, रामचंद्र गुलवान, प्रेम प्रकाश आश्रम से स्वामी राम प्रकाश महाराज, अजीत पमनानी, यह झूलेलाल धाम दिल्ली गेट से समस्त ट्रस्टीगन सहित  बड़ी संख्या में समाज एवं विभिन्न संगठनों के सदस्य उपस्थित रहे।

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