कोचिंग संचालक को देना होगा स्पष्टीकरण, संतोषजनक न होने पर की जाएगी कानूनी कार्यवाही
अजमेर, 17 फरवरी। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा प्रतियोगी परीक्षा के संचालक द्वारा सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो के संबंध में संज्ञान लिया गया है। वीडियो प्रसारित करने वाले व्यक्ति को तलाश कर आयोग द्वारा उससे स्पष्टीकरण लिया जाएगा एवं स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने पर संबंधित व्यक्तियों पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
आयोग के मुख्य परीक्षा नियंत्रक श्री आशुतोष गुप्ता ने बताया कि 15 फरवरी 2025 को जितेन्द्र यादव नाम के व्यक्ति द्वारा ’’ आरएएस मुख्य परीक्षा पर प्रोफेसर ने किया जबरदस्त खुलासा’’ शीर्षक से एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है। इस वीडियो में तथाकथित विशेषज्ञ को कथित रूप से आरएएस मुख्य परीक्षा का मूल्यांकनकर्ता बताते हुए वार्तालाप किया गया है। यह कृत्य न केवल संबंधित विशेषज्ञ द्वारा आयोग में दिए गए वचन-पत्र का ही उल्लंघन है बल्कि इसी क्रम में आयोग की गोपनीयता को भंग करने से निम्नलिखित धाराओं के अंतर्गत आपराधिक कृत्य भी कारित हुआ है।
(1) राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (मेजर्स फॉर प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स इन रिक्रूटमेंट) अधिनियम, 2022 की धारा 5/10
(2) भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी)
(3) भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट)
(4) आईटी एक्ट, 2000 की धारा 67 (सी) सपठित 2 (डब्ल्यू) धारा 72 एवं 72 ए
आयोग की और से सर्वसाधारण एवं कोचिंग संस्थानों को आगाह भी किया जाता है कि भविष्य में इस प्रकार का कृत्य नहीं करें अन्यथा नियमानुसार आपराधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
(2) भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी)
(3) भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट)
(4) आईटी एक्ट, 2000 की धारा 67 (सी) सपठित 2 (डब्ल्यू) धारा 72 एवं 72 ए
आयोग की और से सर्वसाधारण एवं कोचिंग संस्थानों को आगाह भी किया जाता है कि भविष्य में इस प्रकार का कृत्य नहीं करें अन्यथा नियमानुसार आपराधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।