पूर्ण विधिक आधार एवं न्यायिक प्रक्रिया को अपनाते हुए निर्णय पारित करें राजस्व न्यायालय -राजस्व मंडल अध्यक्ष
अजमेर, 22 फरवरी । राजस्व मंडल अध्यक्ष श्री हेमन्त कुमार गेरा ने राज्य के अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों से कहा है कि वे पूर्ण विधिक तथ्यों, नजीरों एवं सम्पूर्ण न्यायिक प्रक्रिया को ध्यान में रखकर अपनी श्रेष्ठ कार्य क्षमता का परिचय देते हुए निर्णय पारित करें।
श्री गेरा शनिवार को अजमेर के राजस्व अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (आरआरटीआई) सभागार में राज्य के राजस्व अपील प्राधिकारी एवं भू प्रबंध अधिकारियों की राज्यस्तरीय निर्णय लेखन कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे । उन्होंने कहा कि काश्तकार समुदाय को त्वरित एवं पूर्ण निष्पक्ष न्याय दिलाना राजस्व न्यायालयों का अत्यंत महत्वपूर्ण दायित्व है । ऐसे में न्यायिक प्रक्रिया को अत्यंत गंभीरता एवं जवाबदेही से सम्पादित करने की महती आवश्यकता है ।
उन्होंने सभी अधीनस्थ राजस्व न्यायालयों से अपेक्षा की कि वे उनके अधीन लम्बित प्रकरणों में निर्णय देने से पूर्व प्रत्येक पहलू का भली भांति अध्ययन करें। राजस्व मंडल स्तर से पारित महत्त्वपूर्ण निर्णयों की बारीकियों को शामिल करते हुए अपने पूर्ण विधिक आधार को ध्यान में रखकर निर्णय दें।
कार्यशाला में मंडल सदस्य श्री राजेश दड़िया ने न्यायालयों में प्रक्रिया विधि एवं साक्ष्य विधि को विस्तार से परिभाषित करते हुए कानूनी प्रावधानों एवं न्यायिक सिद्धान्तों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने प्रकरणों का न्यायालय से इतर निस्तारण व लोक अदालतों की महत्ता पर भी प्रकाश डाला ।
निबंधक श्री महावीर प्रसाद ने रास्ता विवाद, बंटवारा के प्रकरणों को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए न्यायिक प्रक्रिया में विधिक प्रावधानों पर विचार रखे। सदस्य डॉ. महेन्द्र लोढ़ा ने राजस्व न्यायालयों द्वारा स्वीकार योग्य प्रकरणों के लिए विधिक प्रावधान , सदस्य डॉ. शिवप्रसाद सिंह , श्री मदनलाल नेहरा, श्री भवानी सिंह पालावत ने भी अपीलीय अधिकार, राजीनामा, बंटवारा, सम्पत्ति हस्तांतरण, विविध प्रकरणों में न्याय प्रक्रिया, प्रावधान एवं विविध स्तरीय अधीनस्थ न्यायालयों निर्णय अधिकार क्षेत्र आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हुए निर्णय लेखन गुणवत्ता के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की।
कार्यशाला में उपस्थित संभागियों को प्रश्नोत्तर एवं ऑपन सेशन के दौरान राजस्व न्यायालय कार्यप्रणाली में गुणवत्ता एवं त्रुटिहीन निर्णय लेखन को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई ।
कार्यशाला में राजस्व अपील अधिकारी श्री सुनील आर्य भरतपुर, श्री परस राम मीणा भीलवाड़ा ,श्री उम्मेद सिंह रत्नू बीकानेर,श्री रिछपाल सिंह बुरड़क भरतपुर ,श्री अनिल कुमार सीकर , श्री भवानी सिंह हनुमानगढ़ ,श्री सुरेश नवल जयपुर ,श्री रामचन्द्र अजमेर , श्रीमती दीप्ति मीणा कोटा, श्री कैलाश चन्द्र गंगानगर ,श्री नवनीत कुमार बाड़मेर ,डॉ. भास्कर विश्नोई पाली, श्री ओम प्रकाश विश्नोई जोधपुर ,श्री सुरेश कुमार खटीक चित्तौड़गढ़ ,श्री लक्ष्मी कान्त बालोत सवाई माधोपुर, श्री मुरलीधर प्रतिहार कोटा , टोंक के भू प्रबंध अधिकारी श्री सुरेश चन्द्र व श्री सोहन राम चौहान अलवर , आरआरटीआई निदेशक श्रीमती मीनाक्षी मीणा , उपनिदेशक श्रीमती सुनीता यादव, मुख्य लेखाधिकारी कोमल चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।